NCP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. शरद पवार ने जब इस बात की घोषणा की तो उसके बाद उनके लिए वहां जोरदार नारेबाजी हुई और समर्थक उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग करने लगे.
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी यानी NCP के सबसे वरिष्ठ नेता शरद पवार ने मुंबई में अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा, अब वह भविष्ट में कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे.
शरद पवार ने कहा, ‘अभी मेरे पास राज्यसभा का तीन साल का कार्यकाल बचा है. इसके बाद में चुनाव नहीं लडूंगा.’ शरद पवार ने 1999 में एनसीपी का गठन किया था. उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी का गठन किया था.
उन्होंने अपनी आटोबायोग्राफी ‘लोक माजे सांगती’ के दूसरे एडिशन के लॉन्च के अवसर पर यह घोषणा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1 मई 1960 को की थी. कल ही हमने मई दिवस मनाया. इतने लंबे राजनीतिक सफर के बाद हमें कहीं न कहीं रुक जाना होता है. किसी को भी बहुत अधिक लालची नहीं होना चाहिए.
पवार ने कहा कि एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की कमेटी बनाई जाए और वह भविष्य की रूप-रेखा तैयार करें. पवार ने कहा, इस कमेटी में प्रफुल पटेल, सुनील ततकारे, पीसी चाको, नरहरी जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रीया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अवहद, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ और पार्टी से जुड़े संगठनों के अध्यक्षों को शामिल किया जाए.
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शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद एनसीपी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके पैर छुए और इस्तीफे के अपने निर्णय को वापस लेने के लिए नारे भी लगाए.
कार्यकर्ताओं ने कहा, आपका यह निर्णय हमें मंजूर नहीं है साहब. हम आपके दरख्वास्त करते हैं कि अपने इस निर्णय को वापस ले लें. जब तक आप ऐसा नहीं करेंगे, हम यहां से नहीं हिलेंगे.