सूडान में पिछले छह दिन से देश की सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच घातक संघर्ष जारी है। बताया जा रहा है कि अब तक हिंसक संघर्ष में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच वहां फंसे भारतीयों को लेकर देश में चिंता व्यक्त की जा रही है। इस मुद्दे पर भारत सरकार सूडान से तो संपर्क बनाये ही हुए है साथ ही आसपास के उन देशों से भी संपर्क साध रही है जो सूडान में भारत के काम आ सकते हैं। इसी के चलते विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिंसाग्रस्त सूडान की स्थिति पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की है। हम आपको बता दें कि भारत, सूडान में हिंसा की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है, खास तौर पर ऐसी स्थिति में जब वहां भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने यूएई के अपने समकक्ष के साथ सूडान की स्थिति को लेकर चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीट किया, ”यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाहयान का सूडान की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए धन्यवाद। हमारा लगातार समन्वय मददगार है।’’ विदेश मंत्री जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान से भी बातचीत की। उन्होंने ट्वीट किया, ”सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फहरान से अभी-अभी बात की। हम करीबी सम्पर्क कायम रखेंगे।’’
इस बीच, सरकारी सूत्रों ने बताया है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रियों ने जयशंकर को जमीन पर व्यवहारिक समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम कर रहा है, जिसकी सूडान में पर्याप्त उपस्थिति है। हम आपको बता दें कि सूडान की राजधानी खार्तूम में जारी व्यापक हिंसा के बीच वहां भारतीय दूतावास ने सोमवार को जारी परामर्श में भारतीयों से घरों से बाहर नहीं निकलने व शांत रहने को कहा था। इससे पहले दूतावास ने कहा था कि खार्तूम में गोली लगने से घायल हुए भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। खार्तूम में हिंसा शुरू होने के बाद जारी अपने दूसरे परामर्श में भारतीय मिशन ने कहा था, ”ताजा जानकारी के आधार पर दूसरे दिन भी संघर्ष कम नहीं हुआ है। हम भारतीयों से आग्रह करते हैं कि वे जहां हैं, वहीं पर रहें और बाहर न निकलें।’’ हम आपको बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान में करीब 4000 भारतीय रहते हैं।
भारत हिंसा प्रभावित सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न देशों के साथ करीबी समन्वय कर रहा है। उस देश में जमीनी हालात गंभीर हैं और इस समय लोगों की आवाजाही जोखिम भरी होगी। इसलिए फिलहाल किसी को निकाल पाना मुश्किल लग रहा है। सूत्रों ने बताया कि भारत की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि आवाजाही सुरक्षित हो और लोग जहां कहीं भी हों, सही हों। सूत्रों ने कहा है कि अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सूडान में अहम भूमिका है और भारत उसी के अनुसार उनसे बातचीत कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय और सूडान की राजधानी खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास अफ्रीकी देश में स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
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जहां तक सूडान में हो रहे संघर्ष की बात है तो आपको बता दें कि सूडान की सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तब से वह एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है। सूडान पर नियंत्रण को लेकर देश की सेना तथा शक्तिशाली अर्द्धसैनिक बल के बीच लगातार खींचतान जारी है।
हम आपको यह भी बता दें कि सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर भारत में राजनीति भी शुरू हो गयी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता सिद्धरमैया पर उनके इस दावे को लेकर निशाना साधा है कि कर्नाटक के 31 लोग हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे हुए हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, “आपके ट्वीट से स्तब्ध हूं! लोगों की जिंदगी खतरे में है, राजनीति मत कीजिए।” उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को लड़ाई शुरू होने के बाद से, खार्तूम में भारतीय दूतावास सूडान में ज्यादातर भारतीय नागरिकों और पीआईओ के साथ लगातार संपर्क में है।” उन्होंने कहा, “सुरक्षा कारणों से उनका ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उनकी आवाजाही भयंकर लड़ाई के कारण बाधित है।” जयशंकर ने कहा कि उनसे जुड़ी योजनाओं के लिए “जटिल” सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखना होगा और सूडान में भारतीय दूतावास उस देश की स्थिति को लेकर लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में है। उन्होंने कहा, “उनकी स्थिति का राजनीतिकरण करना घोर गैर-जिम्मेदाराना है। कोई भी चुनावी लक्ष्य विदेशों में भारतीयों की जान को खतरे में डालने को सही नहीं ठहराता है।”
हम आपको बता दें कि जयशंकर की यह प्रतिक्रिया सिद्धरमैया द्वारा सिलसिलेवार ट्वीट किए जाने के बाद आई थी। सिद्धरमैया ने ट्वीट किया था, ‘‘जानकारी मिली है कि कर्नाटक के हक्की-पिक्की आदिवासी समूह के 31 लोग सूड़ान में फंसे हुए हैं जहां गृह युद्ध जारी है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री, विदेश मंत्री और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से अपील करूंगा कि वे तत्काल हस्तक्षेप करें और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें।’’