उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएसईबी) ने उन 67 स्कूलों की मान्यता वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जहां हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में प्रॉक्सी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। स्थानीय बोलचाल में ‘मुन्ना भाई’ कहे जाने वाले इन 120 फर्जी परीक्षार्थियों को इन स्कूलों से पकड़ा गया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा, हमने राज्य के 67 कॉलेजों की पहचान की है, जहां से प्रॉक्सी उम्मीदवारों को पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। बोर्ड ने डीआईओएस के माध्यम से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर ऐसे स्कूलों की एक सूची तैयार की है और जिन स्कूलों में नामांकित प्रॉक्सी उम्मीदवार हैं, उन्होंने मान्यता के लिए निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया है। शुक्ला ने कहा, इन स्कूलों ने परीक्षाओं के संचालन में गंभीर अनियमितता की है। इन संस्थानों की मान्यता वापस ले ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी 67 स्कूलों की मान्यता वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इस बीच, राज्य के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक की वार्षिक गृह परीक्षाएं 20-24 मार्च तक होंगी। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन और परिणाम तैयार करने का काम 30 मार्च तक होगा, जबकि रिपोर्ट कार्ड 31 मार्च को बांटे जाएंगे। दो साल के अंतराल के बाद परीक्षा हो रही है।
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सचिव, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि कक्षा 1 के छात्रों के लिए मौखिक परीक्षा आयोजित की जाएगी, जबकि कक्षा 2 से 5 तक मौखिक और लिखित दोनों परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। कक्षा 6 से 8 तक के लिए केवल लिखित परीक्षा होगी।