जनता दल यूनाइटेड के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने सेना की तुलना गाजर से कर दी है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटने में डर लगता है, तो सरकार को उनका मुकाबला करने के लिए सेना में 30% मुस्लिम युवाओं की भर्ती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में भी यह कहा है और प्रधानमंत्री को यह बताना चाहूंगा कि लोहा लोहे को काटता है और लोहे को गाजर नहीं काट सकती। अगर सरकार पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटने में डरती है, तो उसे 30% मुस्लिम बच्चों को सेना में शामिल करना चाहिए। हम जानते हैं कि हमें अपने देश को बचाने के लिए क्या करना है।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी गुलाम रसूल बलियावी नवादा में इदारा-ए-शरिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि “मैंने पार्लियामेंट में भी कहा था, अब भी कह रहा हूं। पीएम से भी कह रहा हूं… लोहे को लोहा काटा है, गाजर नहीं। अगर पाकिस्तान के आतंक से निपटने में आपको डर लग रहा है, फौज में सिर्फ 30 फीसदी मुसलमान के बच्चों को जगह दे दो। हमें अपने बाप-दादा की तारीख याद है। हमें मालूम है कि अपने वतन के लिए क्या करना है। बता दें कि बलयावी को 2014 में जद (यू) द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। उसके बाद उन्होंने 2014 से 2022 तक जद (यू) एमएलसी बनाया गया।
बीजेपी ने साधा निशाना
जेडीयू नेता के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मुस्लिम वोटों को मजबूत करने के लिए बलयावी सीएम नीतीश कुमार के मुखपत्र की तरह व्यवहार कर रहे हैं। इस बार उन्होंने सेना का अपमान किया है। अगर उन्हें अपने साथी मुसलमानों की इतनी ही चिंता है, तो उन्हें पसमांदा मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए।
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मुझे नहीं पता कि बलयावी ने किस संदर्भ में कहा कि उन्होंने क्या किया लेकिन उन्हें इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।