जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महाधिवेशन में विवादित बयान देकर चर्चाओं में आए महमूद मदनी ने अपने कहे पर आज क्षमा याचना कर ली है। जमीयत (महमूद गुट) के अध्यक्ष महमूद मदनी ने माफी मांगते हुए कहा कि मंच पर जो कुछ हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। इसके लिए वह सौ बार माफी मांगते हैं। आदम को लेकर उन लोगों की अपनी मान्यता है, बाकी धर्म के लोग चाहें तो इसे न मानें। दूसरी तरफ ‘अल्लाह’ और ‘ओम’ को एक बताने वाले जमीयत (अरशद गुट) के अध्यक्ष अरशद मदनी अपने विवादित बयानों पर कायम हैं। अरशद ने कहा कि ‘ओम’ की ही तरह ‘अल्लाह’ की भी कोई सूरत नहीं थी। उन्होंने इस धरती को बनाया। उन्होंने ही आदम को इस धरती पर उतारा। शिव को भी वह इसलिए ईश्वर नहीं मानते, क्योंकि वह शरीर में थे।
यह है पूरा मामला
रामलीला मैदान में विभिन्न धर्मगुरुओं की मौजूदगी में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के तीन दिवसीय महाधिवेशन का समापन रविवार को विवाद के साथ हुआ। अरशद मदनी ने ‘अल्लाह’ और ‘ओम’ को एक बताने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत पर विवादित टिप्पणी की, जिसका मंच पर मौजूद लोकेश मुनि ने विरोध करते हुए और उन्हें इस मुद्दे पर शास्त्रार्थ करने की चुनौती देते हुए मंच का बहिष्कार कर दिया। उनके साथ कई अन्य गैरमुस्लिम धर्मगुरु भी मंच से उतर गए।
लोकेश मुनि बोले-अरशद को किया माफ
लोकेश मुनि ने तल्ख लहजे में दोहराया कि सद्भावना के मंच पर एक धर्म को ऊंचा और दूसरे धर्म को नीचा दिखाने की कोशिशें नहीं की जानी चाहिए थीं। खुद को श्रेष्ठ बताने और गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या मिलेगा। इसकी जगह सद्भाव की बात होती। इसके साथ ही लोकेश मुनि ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर अरशद मदनी को माफ कर दिया है और वह दोबारा जमीयत के मंच पर जाकर अपनी बात रखेंगे।
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यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने उठाई गिरफ्तारी की मांग
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर दिल्ली पुलिस से मामला दर्ज कर अरशद मदनी व महमूद मदनी की गिरफ्तारी की मांग की है। फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि प्राचीनतम हिंदू धर्म और उनके आराध्य भगवान की आलोचना करने का अधिकार किसी को नहीं है। हिंदू सेना ने भी मामले में मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है। यह शिकायत हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने दी है।