उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन पर विपक्ष ने सवाल उठाकर खुद को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। आज का विपक्ष जब सत्ता में था तब अपनी मूर्तियां और बड़े-बड़े पार्क बनवाने और पारिवारिक गढ़ों में महोत्सवों के आयोजन में आइटम डॉन्स करवाने पर सरकारी खजाने से अनापशनाप खर्च किया जाता था। उत्तर प्रदेश और यहां के लोगों का भविष्य क्या होगा इसकी चिंता करने की बजाय बेटा-बेटी, भाई-बहन, चाचा-भतीजा या माता-पिता के भविष्य की चिंता की जाती थी। यही नहीं, कानून व्यवस्था के बिगड़े हालात और भ्रष्टाचार की वजह से निवेशक प्रदेश में आने से कतराते थे। पूर्व की सरकारों के दौरान सत्ताधारी दलों को तो निवेश प्राप्त हो जाता था लेकिन प्रदेश के विकास के लिए कोई पैसा नहीं आता था।
लेकिन योगी सरकार आने के बाद से हालात बदले। कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई, निवेशकों की राह में बाधा बनने वाली नीतियां बदली गयीं। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही स्पष्ट किया कि वह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनामी बनाना चाहते हैं। अपने इस संकल्प को सिद्ध करने के लिए उन्होंने खुद भी मेहनत शुरू की और अपनी पूरी टीम को भी इस काम में लगा दिया। अपने छह साल के अब तक के कार्यकाल में योगी ने उत्तर प्रदेश का कायाकल्प कर दिया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी निवेश आकर्षित करने के लिए देश-विदेश में रोड शो कर रहे थे। अब वैश्विक निवेशक सम्मेलन के आयोजन से पूरी दुनिया को संदेश दिया गया है कि यह बदला हुआ उत्तर प्रदेश है, यह आगे बढ़ता हुआ उत्तर प्रदेश है, यह अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों, परम्पराओं पर गर्व करता हुआ और उन्हें संरक्षित कर नयी तकनीक को अपना कर आगे बढ़ता हुआ उत्तर प्रदेश है। यह वह उत्तर प्रदेश है जहां अपराधी खुद हाथ में तख्ती लेकर थाने आकर आत्मसमर्पण करते हैं, यह वह उत्तर प्रदेश है जहां महिलाएं आधी रात को भी अकेले निकलने में सुरक्षित महसूस करती हैं, यह वह उत्तर प्रदेश है जहां माफियाओं द्वारा कब्जाई जमीन पर बुलडोजर चलता है और वहां पर गरीब का आशियाना बनता है।
बहरहाल, जहां तक निवेशक सम्मेलन की बात है तो आपको बता दें कि यह सम्मेलन सामूहिक रूप से व्यापार के अवसरों का पता लगाने और साझेदारी बनाने पर विचार के वास्ते नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, थिंक-टैंक और दुनिया भर के नेताओं को एक मंच प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 का उद्घाटन और ‘ग्लोबल ट्रेड शो’ तथा ‘इन्वेस्ट यूपी 2.0’ की भी शुरुआत के अवसर पर कहा कि पहले ‘बीमारू’ राज्य के तौर पर जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश अब सुशासन के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अगर आज दुनिया के लिए उज्ज्वल बिन्दु है तो उत्तर प्रदेश भारत के विकास को गति देने वाला है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश इससे बेहतर साझेदारी हो ही नहीं सकती।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने संबोधन में कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व और मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ‘बीमारू राज्य’ के दंश से मुक्त होकर ‘देश का ग्रोथ इंजन’ के रूप में स्थापित हुआ है। योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में जो सकारात्मक परिवर्तन आया है, आज वह जमीनी धरातल पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ सभी 75 जनपदों में निवेश हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि UPGIS-2023 प्रदेश को $01 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के साथ ही देश को $05 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को पूर्ण करेगा।
हम आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा है कि अगले चार वर्षों में वह उत्तर प्रदेश में 5जी सेवाएं पहुंच, खुदरा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के विस्तार पर 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन’ में यह घोषणा की। इसके अलावा भी देश के कई बड़े औद्योगिक घरानों ने उत्तर प्रदेश में भारी भरकम निवेश की घोषणा की है।
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बहरहाल, यह बड़ी बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने निवेश जुटाओ अभियान के तहत अब तक 18643 एमओयू साइन किए हैं। इसके माध्यम से प्रदेश को अब तक 32 लाख 92 हजार करोड़ निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिनके माध्यम से उत्तर प्रदेश के अंदर 92 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उत्तर प्रदेश यदि इसी प्रकार तरक्की की राह पर बढ़ता रहा तो प्रदेश के युवाओं का अन्य राज्यों में पलायन भी रुकेगा और कभी बीमारू राज्यों में शुमार किया जाने वाला उत्तर प्रदेश निश्चित रूप से देश का सबसे समृद्ध राज्य बनेगा।