उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने एक समझौते को लेकर विवादों में आ गई है। असल में हाल ही में ये खबर सामने आई कि यूपी सरकार ने अमेरिका की ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ 35 हजार करोड़ का समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौता के मुताबिक ऑस्टिन यूनिवर्सिटी यूपी में 5 हजार एकड़ में नॉलेज सिटी बनाने वाली थी। लेकिन इसी बीच यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक ये बात सामने आई है कि जिस ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ सरकार ने समझौता किया है, वहां एक भी छात्र नहीं पढ़ता यानी इन रोल नहीं है। यूनिवर्सिटी की मान्यता ही रद्द की जा चुकी है। यह भी सामने आया कि ऑस्टिन विश्वविद्यालय अमेरिकी संघीय सरकार द्वारा प्रकाशित विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल नहीं है। इस विश्वविद्यालय में सिर्फ अब 25 फीसदी शिक्षक ही रह गए हैं। अब सरकार ने कहा है कि ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया गया था।
सरकार ने कहा- समझौता ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ किया गया
इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष की आलोचना का उत्तर प्रदेश सरकार को सामना करना पड़ा है। अब यूपी सरकार ने तर्क देते हुए कहा है कि ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ नहीं ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ (एसीजी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
“ऑस्टिन विश्वविद्यालय” के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के विवादों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि समझौता ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ नहीं ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ किया गया था। इसी बीच विपक्षी दलों द्वारा विदेशी निवेश पर व्हाइट पेपर मांगे गए हैं।
पूर्व यूपी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया सच?
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने पर अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहने वाले पूर्व यूपी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने द हिंदू को बताया, ”समझौता पर ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं न कि ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ। इससे भी जरूरी बात यह है कि ये एमओयू गैर-बाध्यकारी हैं, इसलिए हम लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार किसी भी डील को करने के लिए कड़ी मेहनत करती है और आगे बढ़ने से पहले प्रस्ताव को गंभीरता से देखती है।”
ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ समझौते को लेकर सरकार ने क्या कहा था?
यूपी सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की कि उसने राज्य में ‘स्मार्ट सिटी ऑफ नॉलेज’ बनाने के लिए 42 अरब डॉलर की परियोजना के लिए ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यूपी के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस परियोजना से यूपी में 16 लाख नौकरियां पैदा होंगी। यूपी सरकार की पहल यूपी इन्वेस्टर्स मीट के ट्विटर अकाउंट ने एमओयू पर हस्ताक्षर की खबर को रीट्वीट भी किया था।
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ऑस्टिन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष अशरफ अल मुस्तफा ने एएनआई को बताया कि 42 अरब डॉलर की परियोजना 5,000 एकड़ जमीन पर बनाई जाएगी। अल मुस्तफा ने एएनआई से कहा था, ”यह उत्तर प्रदेश में होने जा रहा है। यह 5,000 एकड़ भूमि पर निर्मित 42 बिलियन डॉलर की परियोजना है। इसमें परियोजना के अंदर आने वाले बेस्ट विश्वविद्यालय होंगे। उम्मीद है, यह भारत और अन्य स्थानों में उच्च शिक्षा के विचार को बदल देगा।”