नीतीश कुमार का गुस्सा एक बार फिर सामने आया और वह भी सदन में सत्र के दौरान। सारण में जहरीली शराब से मौत पर विपक्ष दलों के कुछ सदस्य सरकार को आगे-आगे बढ़कर घेर रहे थे। शराबबंदी को फेल बता रहे थे। मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे थे। इसी पर नीतीश हत्थे से उखड़ गए। भाजपा सदस्य की ओर उंगली उठाकर कहा- “शराबबंदी के समय पक्ष में थे। क्या हो गया तुमको, अरे ए…तुम बोल रहे हो? इसका मतलब है कि तुम ही लोग गड़बड़ कर रहे हो।” गुस्से में मुख्यमंत्री की ओर से इस तरह सदन में तू-तड़ाक किए जाने पर भाजपा भी आर-पार के मूड में आ गई है।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही से प्रतिपक्ष के नेता की बातों को हटाना और मुख्यमंत्री का इस तरह भाजपा विधायकों के साथ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को माफी मांगने कहें।
बिहार में 11 दिसंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दरम्यान एक तरफ मुख्यमंत्री ने महागठबंधन का 2025 का नेता तेजस्वी यादव को घोषित कर दिया और दूसरी तरफ बिहार में बढ़े अपराध को लेकर विपक्ष सरकार को घेरे हुए है। विपक्ष ने सारण में जहरीली शराब से मौत पर सीधे मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग कर दी है।