गुजरात में होने वाले विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी इस बार टिकटों के मामले में बड़े चौंकाने वाले फैसले ले सकती है। गुजरात भारतीय जनता पार्टी की आज होने वाली कोर कमेटी की बड़ी बैठक में चौंकाने वाले फैसलों की कहानी लिखी जानी शुरू की जा सकती है। इस बैठक में यही तय किया जाना है कि आने वाले विधानसभा के चुनावों में कितने विधायकों के टिकट काटे जाएं और कितनों को रिपीट किया जाए। चर्चा यही हो रही है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी कुछ वैसा ही करने जा रही है जैसा उसने अपने मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान किया था। यानी कि जैसे नए प्रयोग के तौर पर पूरी कैबिनेट को बदलकर नई कैबिनेट बना दी थी ठीक उसी तर्ज पर इस बार विधायकों के ठीक-ठाक टिकट काटे जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पार्टियों ने कर लीं मुकम्मल तैयारियां
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनावों की तारीख की घोषणा से पहले से ही गुजरात चुनावी मोड में आ चुका था। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों की घोषणा होनी थी। जो आज हो गई। बाकी चुनावी मुकम्मल तैयारियां तो गुजरात में सभी पार्टियों ने पहले से कर ली हैं। चुनाव की घोषणा के साथ ही गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की आज देर शाम बैठक भी होनी है। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधानसभा में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नाम पर ना सिर्फ चर्चा होगी बल्कि उस पर मंथन करके नाम को आगे बढ़ाने की पूरी प्रक्रिया आज से ही शुरू की जाएगी। जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है इस बार विधानसभा के चुनावों में टिकट देने के मामले में बहुत चौंकाने वाले फैसले देखने को मिल सकते हैं। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अनुमान तो यही लगाया जा रहा है इस बार भारतीय जनता पार्टी अपने बहुत से विधायकों के टिकट काटेगी। इसके लिए बाकायदा भारतीय जनता पार्टी आलाकमान और प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी से जुड़े प्रमुख नेताओं की बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक इसी मुद्दे पर देर शाम को होनी है। जिसमें प्रत्याशियों के चयन संबंधी प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी।
सर्वे रिपोर्ट पर तय होगा विधायकों का टिकट
भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि प्रत्याशियों के बदले जाने की कई प्रमुख वजह सामने आ रही हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी तौर पर की गई अपनी सर्वे रिपोर्ट भी है। पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि पार्टी के अंदरूनी सर्वे में यह बात सामने आई है कि बहुत से विधायकों का रिपोर्ट कार्ड इस मुताबिक नहीं है कि उनको दोबारा मैदान में उतारा जाए। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मुख्यमंत्री से लेकर पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था, ठीक उसी तरह का एक्शन इस बार विधानसभा के चुनावों में विधायकों के दिए जाने वाले टिकट के दौरान देखा जा सकता है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी गुजरात में विधानसभा के चुनावों में जबरदस्त फेरबदल करके प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि कोर कमेटी की बैठक के बाद टिकटों के मामले में फैसला चुनाव समिति को ही लेना है। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था उसके बाद विधानसभा के चुनावों में उन स्थानीय भाजपा विधायकों में भी इस बात को लेकर खलबली मची हुई है जिनको अंदेशा है कि इस बार उनका टिकट कटेगा। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐसे विधायक अपनी पैरवी के लिए भी पूरी जोर आजमाइश भी करने लगे हैं।
चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती है भाजपा
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ज्यादातर राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनावों में अपने प्रत्याशियों को बदल देती है। लेकिन गुजरात में जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने एक राजनीतिक प्रयोग करते हुए पूरे के पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था और मुख्यमंत्री तक को बदलकर के बड़ा संदेश दिया था, उससे गुजरात में हो रहे विधानसभा के चुनावों में बहुत से विधायकों पर तलवार लटकी हुई नजर आ रही है। राजनीतिक विश्लेषक जयेश पारेख कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी निश्चित तौर पर चौंकाने वाले फैसले लेती है। इसलिए विधानसभा के चुनावों में सभी विधायकों को रिपीट किया जाएगा, इसकी संभावना तो न के बराबर लग रही है। वह कहते हैं कि अब टिकट देने और न देने का जो पैरामीटर है वह तो पार्टी अपने अनुरूप ही तय करती है। लेकिन निश्चित तौर पर जनता के और पार्टी के मानदंडों पर खरे उतरने वालों को ही दोबारा टिकट दिया जाता है। हालांकि पारेख का कहना है कई बार प्रयोगात्मक तौर पर बहुत से ऐसे फैसले लिए जाते हैं जिसमें टिकट देने और ना देने की परिभाषाएं अलग हो जाती है। वह उदाहरण के साथ कहते हैं जिस तरीके से गुजरात में लंबे समय तक चली पूरी कैबिनेट को अचानक एक झटके में बदल दिया जाता है उससे यह स्पष्ट संदेश जाता है कि पार्टी कुछ बड़ा कदम उठा रही है। उनका कहना है कि जिन मंत्रियों को बदला गया था ऐसा नहीं है कि सब का परफॉर्मेंस खराब थी। लेकिन पार्टी ने अपने विजन और अपने आने वाले चुनावों के दृष्टिकोण से ही ऐसा किया था। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जब मंत्रिमंडल को बदला जा सकता है तो विधायकों के टिकटों में भी बहुत बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।
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‘आप’ की एंट्री से रोचक हुई जंग
दरअसल गुजरात की राजनीति में इस बार भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है। खास तौर से आम आदमी पार्टी की एंट्री से गुजरात की चुनावी जंग रोचक हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है यही वजह है भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी अपने प्रत्याशियों के चयन पर बहुत ज्यादा सोच विचार करना पड़ रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी का नुकसान कर पाती है या नहीं यह तो आने वाले चुनावों के नतीजे ही बताएंगे। लेकिन किसी भी पार्टी को कमतर आंकना राजनीतिक नजरिए से बेहतर नहीं होता है। यही वजह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां सोच समझकर राजनीतिक कदम उठा रही हैं। खासतौर से प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति बनाने तक में हर बात का ख्याल रखा जा रहा है।