जब से राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा हुई है तब से ही राजनीतिक दलों में नए राष्ट्रपति के नाम के लिए मंथन शुरू कर दिया है। विपक्ष दल जहां राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम पर विचार करने के लिए आज बैठक करने वाले हैं, वहीं भाजपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर विचार करने के लिए आज बैठक बुलाई है, लेकिन उससे पहले ही ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से मना कर दिया है क्योंकि विपक्ष दलों के पास पर्याप्त वोटों की संख्या नहीं है। वहीं ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई बैठक में वाम दलों के बाद आम आदमी पार्टी और टीआरएस ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा ओडिशा की बीजू जनता दल भी इस बैठक से किनारा कर सकती है।
एकतरफा बैठक बुलाने से नाराज CPI-M
ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई इस बैठक से नाराज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने शामिल होने से इनकार किया है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व TMC प्रमुख द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक को सभी के साथ चर्चा करने के बाद बुलाना चाहिए था। वहीं सीताराम येचुरी ने कहा, ‘हालांकि, इस मामले में हमें एकतरफा पत्र मिला है जिसमें तारीख, समय, स्थान और एजेंडा का ब्यौरा दिया गया है।
शरद पवार नहीं लड़ेंगे राष्ट्रपति चुनाव
आज होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। सीताराम येचुरी ने कहा कि शरद पवार राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का चेहरा नहीं होंगे,उन्होंने खुद को इस दौड़ से बाहर कर लिया है, अन्य नामों पर मंथन किया जा रहा है।
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शरद पवार की ना के बाद अब विपक्ष गोपालकृष्ण गांधी पर लगा सकता है दांव
शरद पवार के इनकार करने के बाद विपक्ष पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी पर दांव लगा सकता है। गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पड़पोते हैं। आपको बता दें कि 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए गोपाल कृष्ण गांधी संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार थे, लेकिन वे चुनाव में एम. वेंकैया नायडू से हार गए। 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे गोपाल कृष्ण गांधी नौकरशाह रह चुके हैं और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है।