केरल हाईकोर्ट ने एक ईसाई महिला द्वारा एक मुस्लिम डीवाईएफआई नेता से शादी के मामले में दखल से इनकार कर दिया है। इस शादी से राज्य में एक बार फिर ‘लव जेहाद’ को लेकर सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है।
महिला के परिजन इसे लव जेहाद बता रहे हैं। महिला ने कोर्ट में कहा है कि उसे अवैध रूप से या बंधक बनाकर नहीं रखा गया है। महिला ने यह भी कहा कि वह अपने परिजनों से अभी बात नहीं करना चाहती है। हाईकोर्ट के जस्टिस वीजी अरुण व जस्टिस सीएस सुधा की पीठ ने महिला ज्योत्स्ना मैरी जोसेफ से बात करने के बाद कहा कि उसने तय कर लिया है कि वह डीवाईएफआई नेता शेजिन से शादी करेगी। वह अपनी मर्जी से यह कर रही है, उस पर कोई दबाव नहीं है।
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्योत्स्ना अभी अपने परिजनों या परिवार से अभी बात नहीं करना चाहती है। वह बाद में बात करेगी। वह शादी के बाद परिजनों के घर आएगी। शादी के लिए विशेष विवाह कानून के तहत एक आवेदन दायर कर दिया गया है और वह विचाराधीन है। इसे मंजूरी के पहले वह परिजनों से नहीं मिलेगी।