कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने बाबा बकाला में एक रैली को संबोधित करते हुए एक बयान दिया है। उन्होंने एक बार फिर आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोला है। सिद्धू ने कहा, कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के पंख काट दिए हैं। सिद्धू के मुताबिक वो एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष हैं जिनके पास कोई शक्ति नहीं है। अमृतसर में एक रैली में सिद्धू ने कहा कि उन्हें इतनी भी शक्तियां नहीं दी गई हैं कि एक सचिव या फिर महासचिव की भी नियुक्ति कर सकें।
सिद्धू ने कहा कि मुझे प्रशासन की ताकत नहीं है। सिर्फ संगठन के प्रधान हैं। इससे पहले वे कहते थे अगर फैसले लेने की छूट नहीं दी तो ईंट से ईंट खड़का देंगे। सिद्धू का यह दर्द इसलिए छलका है क्योंकि उन्होंने अपनी इच्छा से जिला प्रधानों की लिस्ट तैयार कर भेजी थी, जिसे कांग्रेस आलाकमान ने रोक लिया दिया था।सिद्धू चाहते थे कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की ओर से नियुक्त 22 जिला अध्यक्षों को हटाया जाए और उनकी सौंपी लिस्ट के लोगों को नियुक्त किया जाए। हालांकि, सिद्धू को कई कई चुनावी समितियों से नजरअंदाज करने के बाद पार्टी ने 22 जिला अध्यक्षों की लिस्ट जारी की। सूत्र बता रहे हैं कि इन जिलाध्यक्षों को सिद्धू से बिना सलाह के नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने मंगलवार को जिला संयोजकों की लिस्ट जारी की और उन्हें तत्काल प्रभाव से काम शुरू करने को कहा। संयोजकों को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ तालमेल बनाकर काम करने को भी कहा गया है।जाहिर है, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा नियुक्त जिला पार्टी अध्यक्षों को हटाने के तरीके से खुश नहीं थे।जाखड़ ने इस मुद्दे को राहुल गांधी के सामने उठाया था। सूत्रों का कहना है कि जाखड़ ने राहुल गांधी को सूचित किया था कि सिद्धू के मनमाने फैसले से पार्टी नेताओं में नाराजगी है।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अंदर अंदरूनी कलह खत्म नहीं हुई है। दो विधानसभा क्षेत्रों – सुल्तानपुर लोधी और कादियां में गुटबाजी पहले ही सामने आ चुकी है।नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को सुल्तानपुर लोधी से पार्टी विधायक नवतेज सिंह चीमा की उम्मीदवारी का समर्थन किया, जहां से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।नवजोत सिंह सिद्धू ने कादियान विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक फतेह जंग बाजवा का भी समर्थन किया है, जहां पूर्व पीसीसी प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
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वहीं दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर शनिवार को राज्य सरकार की कानूनी टीम को बधाई दी। केंद्र ने बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाते हुए उसे असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे के भीतर तलाश, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया है। पहले बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे तक था। सिद्धू ने ट्वीट किया कि मैं बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने की अधिसूचना के खिलाफ मूल वाद दायर कर माननीय सुप्रीम कोर्ट का सबसे पहले रुख करने के लिए पंजाब और उसकी कानूनी टीम को बधाई देता हूं।