मंडल कारागार में बंद बाहुबली मऊ विधायक मुख्तार अंसारी से मंगलवार को एक अधिवक्ता उनके पुत्र के साथ मुलाकात करने पहुंचे। जेलर ने पुत्र को मिलने की अनुमति दी, लेकिन वकील को यह कहकर मुलाकात कराने से मना कर दिया कि इसके लिए शासन से अनुमति नहीं है।
मुलाकात से वंचित होने पर अधिवक्ता अनिमेष शुक्ला ने बताया कि वह आज अपने क्लाइंट मुख्तार अंसारी से एंबुलेंस प्रकरण में मुलाकात करने आए थे, क्योंकि इस केस में हाईकोर्ट में बेल एप्लीकेशन डालनी है। इस बारे में अपने क्लाइंट का पक्ष जाने बिना कैसे कोई वकील बेल एप्लीकेशन डाल सकता है। परंतु यहां अपने क्लाइंट से मिलने की शासन ने आजादी खत्म कर दी है। इसीलिए मुझे जेलर ने विधायक मुख्तार अंसारी से मिलाने से मना कर दिया है।
वहीं, इस बारे में जेलर प्रमोद कुमार त्रिपाठी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल के चलते जेल में मुलाकात करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है, जो व्यक्ति आरटीपीसीआर जांच लेकर आता है उसी की मुलाकात की पर्ची बनवाई जाती है। अधिवक्ता को मुख्तार अंसारी से मुलाकात न कराने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शासन द्वारा सभी बंदियों से वकीलों की मुलाकात पर रोक लगी है अगर शासन अनुमति देगा तो मुलाकात कराने में किसी तरह का हर्ज नहीं है।
इस बीच पिता मुख्तार अंसारी से मिलने के बाद बेटे उबैद अंसारी ने कहा उन पर बेइंतेहा जुल्म ढाए जा रहे हैं। 16 साल से जेल में कैद हैं जबकि उन्हें एक दिन की भी सजा नहीं हुई। अब वक्त आ गया है, सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उन पर ढाये गये जुल्म का जनता जवाब देगी। उबैद अंसारी ने वकील को मुलाकात न कराने पर नाराजगी जाहिर की कहा कि सप्ताह में दो व्यक्तियों को मिलने की अनुमति है। फिर भी जेल प्रशासन ने मनमानी करते हुए मुलाकात नहीं कराई।
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बताते चलें कि पंजाब की रोपड़ जेल से जिस एंबुलेंस में मुख्तार अंसारी को बांदा लाया गया था। यह एंबुलेंस पूरी तरह अनफिट पाई गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में अधिवक्ता मुख्तार अंसारी से मुलाकात करना चाहते थे।