बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर को जल्द रेल परियोजना की भी सौगात मिल सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कुशीनगर में कहाकि इसके लिए सर्वे आदि के प्राथमिक कार्य चल रहे हैं। यह जल्द सम्भव भी है, मोदी है तो मुमकिन है।
गोरखपुर-कुशीनगर रेल परियोजना दो साल से अटकी है। इस परियोजना को भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार के अंशदान की दरकार है। जिसके बाद पटरी बिछाने का कार्य आगे बढ़ेगा।
कुशीनगर रेल परियोजना की कुल लागत 1476 करोड़ की है। राज्य सरकार को लागत का 50 प्रतिशत रेलवे को देना है। अंशदान मिलने के बाद रेलवे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। किन्तु अंशदान के अभाव में परियोजना पर कार्य ठप है।
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भारत सरकार ने वित्तीय बर्ष 2017-18 में इस परियोजना को मंजूरी दी थी। प्रस्तावित 65 किमी रेल लाइन के लिए बजटीय स्वीकृति भी मिल गई थी। भूमि अधिग्रहण को सर्वे किए जाने के लिए मंत्रालय ने एक करोड़ का बजट भी जारी कर दिया था। मामला सर्वे तक सिमट कर रह गया है। सर्वे के तहत सरदारनगर से हेतिमपुर तक बिछी सरदारनगर चीनी मिल की नैरोगेज रेल लाइन को भी परियोजना के तहत शामिल किया गया। बुधवार को कुशीनगर एयरपोर्ट पर आए प्रधानमंत्री की रवानगी के बाद सहज दिख रहे मुख्यमंत्री से हिन्दुस्थान समाचार ने रेलवे के सम्बंध में सवाल पूछा तो चुटीले अंदाज में जवाब दिया ‘मोदी है तो मुमकीन है’।