इलाहबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ज्ञान वापी मस्जिद के ASI सर्वे पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने वाराणसी की निचली अदालत में चल रही सुनवाई को भी रोक दिया है। ये फैसला जस्टिस प्रकाश पाडित की सिंगल बेंच ने सुनाया। उन्होंने कहा कि इस मामले अब सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी। याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि अब इस मामले में हाईकोर्ट 2 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। उसी वक्त हमारी तरफ से कोर्ट में केस से जुड़ी जानकारी रखी जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में सभी पक्ष 2 हफ्ते बाद नए सिरे से जवाब दाखिल करें। आगली सुनवाई 8 अक्टूबर को की जाएगी।
वहीं तब तक निचली अदालत भी कोई सुनवाई नहीं करेगी उस पर भी 2 हफ्ते तक रोक लगी रहेगी। हाईकोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को फौरा तौर पर कुछ राहत मिली है। बता दें कि अप्रैल महीने में निचली अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर महा परिसर में स्थित ज्ञानवापी के पुरातात्विक सर्वेक्षण के दिए आदेश दिए थे। वाराणसी के सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज आशुतोष तिवारी ने सर्वेक्षण कराने का फैसला सुनाया था। जिस पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। काशी यानी वाराणसी के स्थानीय वकील विजय शंकर रस्तोगी ने दिसंबर 1991 में सिविल जज की अदालत में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से एक आवेदन दायर किया था।
जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के विशेषज्ञों से संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर के ‘वाद मित्र’ के रूप में याचिका दायर की थी। जिस पर अब 2 हफ्ते के लिए रोक लगा दी गई है। हाई कोर्ट अब 2 हफ्ते बाद इस मामले में सुनवाई करेगा।