पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही कहा था कि वह जल्द ही राज्य के सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव चाहती हैं। अब इसकी मांग पर तृणमूल सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आगामी गुरुवार को चुनाव आयोग अधिकारियों से मुलाकात करने जा रहा है। सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि आयोग से वादा करेंगे कि वे स्थिति पर नजर रखेंगे ताकि कोरोना की विषम परिस्थितियों में मतदान होने पर स्थिति और खराब न हो।
तृणमूल सांसदों का प्रतिनिधि मंडल कर रहा तैयारी
सूत्रों के अनुसार, सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस उपचुनाव कराने के लिए आयोग से कई मांगे कर सकता है। जिनमें से एक प्रचार के समय पर केंद्रित है। सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि आयोग को सूचित कर सकते हैं कि उन्हें प्रचार के लिए सात दिन का समय दिया जाना चाहिए। साथ ही यह आश्वासन दिया जा सकता है कि उस समय स्थिति नहीं बिगड़ेगी।
सत्ताधारी दल तृणमूल सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की मांग को लेकर इतना सक्रिय क्यों है? तृणमूल का आरोप है कि चुनाव आयोग केंद्र की सत्ताधारी पार्टी की बातों का पालन कर रहा है। इन सात विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव न कराकर भाजपा इन्हें राजनीतिक संकट में डाल सकती है। इसलिए तृणमूल कांग्रेस की यह गतिविधि उस योजना को विफल करने के लिए है।
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खास बात यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार चुकी हैं उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह महीने के भीतर चुनाव जीतना होगा। इसीलिए पार्टी चाहती है कि जल्द से जल्द इसे पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री अपने पुराने विधानसभा भवानीपुर से चुनाव लड़ेंगी।