भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली एक बार फिर अटकलों की मुख्य वजह बन गए हैं। दरअसल, सौरव गांगुली के 49वें जन्मदिन के मौके पर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सौरव गांगुली के बीच हुई मुलाक़ात के बाद कई तरह की सियासी अटकलें लगनी शुरू हो गई है। इसी के साथ सौरव गांगुली के तृणमूल में शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही हैं।

सौरव गांगुली को लेकर गर्म हुआ अटकलों का बाजार
दरअसल, सौरव गांगुली के 49वें जन्मदिन के मौके पर ममता बनर्जी उनके घर गई थी। इस दौरान दोनों के बीच में करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई थी। वैसे तो दोनों तरफ से ही इस मुलाक़ात को मात्र सौजन्य मुलाकात बताया गया है और कहा जा रहा है कि दीदी ममता सिर्फ दादा को जन्मदिन की बधाई देने गई थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रही है। तृणमूल उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है।
सौरव गांगुली को लेकर मीडिया में उड़ रहे इन अटकलों के बीच बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सौरव गांगुली साफ-सुथरी छवि के व्यक्ति हैं। बंगाल के गौरव हैं, इसलिए अगर उन्हें राज्यसभा भेजा जाता है तो भारतीय जनता पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी, बल्कि खुशी होगी।
आपको बता दें कि बंगाल में हुए बीते विधानसभा चुनाव से पहले सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी। दरअसल, इस चुनाव से पहले सौरव गांगुली ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की थी और उसके ठीक एक दिन बाद दिल्ली में एक स्टेडियम के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी उनकी भेंट हुई थी। इन्ही मुलाकातों को लेकर इस तरह की अटकलें लगना शुरू हुई थी।
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हालांकि इसी दौरान वे बीमार पड़ गए थे। इसके बाद अटकलों पर विराम लग गया था। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। एक दिन पहले ही दादा ने एक बयान जारी कर अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी थी और कहा था कि वह पूरी तरह से फिट हैं। अब देखने वाली बात होगी कि क्रिकेट के पिच से वह राजनीति के पिच पर नई पारी खेलने के लिए उतरते हैं या नहीं।
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