प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले एक ऐसे पत्रकार को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर देश की खुफिया और संवेदनशील जानकारी चीन को दी थी। राजीव शर्मा नाम के इस कथित पत्रकार को गिरफ्तार कर ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में पेश किया, जहां से उसे सात दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया।
पत्रकार राजीव शर्मा एक जुलाई को हुआ था गिरफ्तार
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला कि 62 वर्षीय राजीव शर्मा ने पारिश्रमिक के बदले चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी की आपूर्ति की थी, जिससे भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से समझौता हुआ था।एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह भी पता चला है कि शर्मा और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के लिए नकदी का इंतजाम दिल्ली के महिपालपुर स्थित मुखौटा कंपनियों द्वारा एक हवाला के माध्यम से किया जा रहा था, जिसे चीनी नागरिक झांग चेंग उर्फ सूरज, झांग लिक्सिया उर्फ उषा और क्वींग शी, एक नेपाली नागरिक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा के साथ चला रहे थे।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि शर्मा को एक जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी मामला दिल्ली पुलिस द्वारा शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत दायर प्राथमिकी और आरोप पत्र पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि शर्मा ने पारिश्रमिक के बदले चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी की आपूर्ति की थी, जिससे भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से समझौता हुआ था।
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दिल्ली के पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा करीब 40 साल पत्रकारिता में हैं। कई बड़े मीडिया संस्थानों में वो पत्रकार के तर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजीव शर्मा को बीते साल सितंबर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज मिलने का भी दावा किया था। बाद में पुलिस ने एक चीनी महिला और नेपाली युवक को भी गिरफ्तार किया था। मामले में 60 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिसंबर में राजीव शर्मा की जमानत मंजूर कर ली थी।