पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर बीते दिन केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर लगाए गए आरोपों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने तगड़ा पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री ने ममता पर पलटवार करते हुए उनके बयान को गैर-जिम्मेदार करार दिया। साथ ही उन्होंने ममता को महामारी पर बेशर्म राजनीति करने से बचने की सलाह भी दी। ममता पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने क्रमबद्ध कई ट्वीट किया।
केंद्रीय मंत्री ने ममता के आरोपों पर किया पलटवार
आपको बता दें कि बीते बुधवार ममता बनर्जी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल को उससे भी छोटे राज्यों की तुलना में कम कोरोना वायरस की वैक्सीन दी गई। सीएम ममता ने कहा कि हमारे पास वैक्सीन नहीं है इसलिए हम कोलकाता में सिर्फ सेकेंड डोज दे रहे हैं। ममता बनर्जी के इस बयान पर अब इशारों ही इशारों में केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कई ट्वीट कर पलटवार किया है।
अपने पहले ट्वीट में हर्षवर्धन ने लिखा कि मेरी जानकारी में देश के सबसे बड़े वैक्सीन अभियान के संबंध में विभिन्न नेताओं द्वारा गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी की जा रही है। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि कम से कम वह महामारी के बीच ओछी राजनीति करने से बचें। यहां कुछ फैक्ट बताए जा रहे हैं जिससे जनता को ऐसे राजनेताओं की नीयत के बारे में पता चलेगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 75 फीसदी वैक्सीन को मुफ्त किए जाने के बाद टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है, 11।50 करोड़ डोज अकेले जून में दी गई हैं। जुलाई की वैक्सीन सप्लाई के लिए राज्यों को पहले ही सूचित किया जा चुका है। इस जानकारी को राज्यों के साथ 15 दिन के निश्चित समय में साझा किया जाता है, वो भी प्रतिदिन की सप्लाई के साथ। जुलाई में सप्लाई के लिए कुल 12 करोड़ खुराक तैयार हैं, प्राइवेट अस्पतालों के लिए सप्लाई इससे कहीं अधिक होगी।
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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर राज्यों को कहीं दिक्कत होती है, तो उससे यह पता चलता है कि उन्हों अपने टीकाकरण अभियान के लिए बेहतर योजना बनाने की जरूरत है। यह राज्यों की जिम्मेदारी है। मैं सभी राजनेताओं से आग्रह करता हूं कि कम से कम महामारी पर अपनी बेशर्म राजनीति से बचें। अगर ये नेता इन तथ्यों से अवगत हैं और अभी भी ऐसे बयान दे रहे हैं, तो मैं इसे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं। अगर वे नहीं जानते हैं, तो उन्हें शासन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हम फिर से राज्य के नेताओं से अनुरोध करते हैं कि वे योजना बनाने में अधिक ऊर्जा खर्च करें न कि लोगों को पैनिक करने में।