पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में अपने ही पूर्व सिपहसलार शुभेंदु अधिकारी से मात खाईं ममता बनर्जी ने अब इस लड़ाई को कोर्ट में पहुंचा दिया है। गुरुवार को उन्होंने उच्च न्यायालय में शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ याचिका लगाई जिसमें दावा किया गया है कि चुनाव गणना में धांधली की गई थी।
ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
ममता बनर्जी की याचिका में चुनाव अधिकारी को धमकाने से लेकर ईवीएम छिपाने आदि तक के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को सुबह 11 बजे इसकी सुनवाई हो गई है। न्यायमूर्ति कौशिक चंद्र की अदालत में वर्चुअल जरिए से मामले की सुनवाई शुरू होनी है। मामले को शुक्रवार को एकल पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को वेबसाइट पर जारी वाद-सूची के मुताबिक, इस मामले को जस्टिस कौशिक चंद की अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘उल्लेखित किये जाने’ के तौर पर लिया जाना है।
चुनाव आयोग ने नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार अधिकारी को विजेता और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी को उपविजेता घोषित किया था। ममता बनर्जी ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ और निर्वाचन आयोग के संबंधित अधिकारी द्वारा दोबारा मतगणना की मांग को ठुकराने का आरोप लगाते हुए नतीजों के ऐलान के बाद कहा था कि इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। भाजपा विधायक अधिकारी मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। बता दें कि नंदीग्राम पूर्व मेदिनीपुर में स्थित एक छोटा सा शहर है।
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वर्ष 2007 में वामदल की सरकार के औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ इस क्षेत्र में हिंसक आंदोलन हुआ था जिसके बाद पुलिस गोलीबारी में 14 लोगों की जान चली गई थी। इसके परिणामस्वरूप मार्क्सवादी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ, जिसका नेतृत्व विपक्ष की तत्कालीन नेत्री ममता बनर्जी ने किया था। इसके बाद ही 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनी थी।