मनसुख हत्याकांड: 103 एनकाउंटर करने वाला पूर्व पुलिस अधिकारी गिरफ्तार, लगे हैं गंभीर आरोप

उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास जिलेटिन भरी कार रखने और व्यापारी मनसुख हिरेन मौत के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को पूर्व पुलिस अधिकारी एवं शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए की टीम मेडिकल जांच कराने के बाद प्रदीप शर्मा को आज ही एनआईए की विशेष अदालत में पेश करेगी।

पूर्व पुलिस अधिकारी को पूछताछ के बाद किया गया गिरफ्तार

एनआईए ने गुरुवार की सुबह लोनावाला स्थित एक रिसोर्ट से पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को हिरासत में ले लिया था और उन्हें मुंबई स्थित दफ्तर में लाकर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। एनआईए की दूसरी टीम ने आज सुबह 6 बजे भारी पुलिस बल के साथ अंधेरी के भगवान भवन स्थित प्रदीप शर्मा के निवास पर छापा मारा था और 5 घंटे की गहन तलाशी कर महत्वपूर्ण कागजपत्र बरामद किया है।

उल्लेखनीय है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास से 25 फरवरी को संदिग्ध हालात में खड़ी स्कॉर्पियो कार मिली थी, जिसमें से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की गई थीं। इसके बाद व्यापारी मनसुख हिरेन का शव 5 मार्च को मुंब्रा खाड़ी से बरामद किया गया था। अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियो कार मनसुख हिरेन की ही थी। इस मामले में एनआईए ने 11 जून को संतोष शेलार और आनंद शर्मा को गिरफ्तार किया था। दोनों 21 जून तक एनआईए की हिरासत में हैं। इन दोनों से मिले सबूतों के आधार पर एनआईए ने पुलिस पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया है।

इससे पहले एंटीलिया प्रकरण और मनसुख मौत मामले में एनआईए ने पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा से 2 बार में कुल 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। प्रदीप शर्मा अपने पुलिस कैरियर में 103 एनकाउंटर कर चुके हैं। इसके बाद उन्होंने पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया था और शिवसेना से जुड़ गए थे। साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदीप शर्मा शिवसेना के टिकट पर नालासोपारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।

यह भी पढ़ें: सागर हत्याकांड: जेल में पहलवान सुशील कुमार पर मंडरा रहा खतरा, लिया गया बड़ा फैसला

सूत्रों के अनुसार इस मामले में एनआईए अब तक कुल 7 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे और रियाज काजी, पूर्व पुलिस निरीक्षक सुनील माने, पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे, क्रिकेट बुकी नरेश गोरे, संतोष शेलार और आनंद शर्मा शामिल हैं। सचिन वाझे को 13 मार्च को गिरफ्तारी के बाद 15 मार्च को सहायक निरीक्षक पद से निलंबित कर दिया गया।