पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद भी सूबे में सियासी उठापटक जारी है। इसी उठापटक के बीच बीते दिन विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बंगाल में जारी सियासी हिंसा का मुद्दा उठाते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन मिलने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार को कड़ी चेतावनी दे दी है। राज्यपाल ने साफ़ लफ्जों में कहा है कि उन्हें कठोर कार्रवाई करने के लिए विवश न करें।
राज्यपाल ने ममता सरकार को दिया अल्टीमेटम
राज्यपाल ने ममता सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि ममता सरकार लगातार हिंसा के बावजूद आंख बंद किए हुए हैं। सरकार हिंसा को लेकर कार्रवाई करे नहीं तो मैं संविधान में प्रदत्त अपने कठोर अधिकारों के इस्तेमाल के लिए विवश हो जाऊंगा। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंसा का तांडव चल रहा है, लेकिन सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि नई सरकार को आए हुए एक माह से अधिक हो चुका है, लेकिन किसी भी कैबिनेट की बैठक में हिंसा पर चर्चा नहीं हुई है।
बीजेपी विधायकों का ज्ञापन स्वीकृत करने के बाद राज्यपाल ने सवाल उठाया कि राज्य में हिंसा का तांडव चल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री या मंत्री ने किसी भी पीड़ित के आंसू पोंछा है? उन्होंने कहा कि इतना न डरो की डर के कारण डर की चर्चा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि एससी और एसटी पर हमले बोले गए हैं। उम्मीद है कि सरकार सकारात्मक रवैया अपनाएगी। सरकार संविधान के दायरे में काम करे। सिस्टम के बाहर जाकर काम करेंगे, तो मुझे कार्रवाई के लिये विवश होना पडेगा।
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आपको बता दें कि बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा के चलते लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी विधायकों ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में राजभवन जाकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ज्ञापन सौंपा। हालांकि इस मुलाकात के दौरान बीजेपी के करीब दो दर्जन विधायक गायब रहे, जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं। विधानसभा में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के 50 विधायकों के साथ राज्यपाल से मिले। लेकिन इस वक्त पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी के 75 विधायक हैं यानी 25 विधायक शुभेंदु अधिकारी के इस शक्ति प्रदर्शन में शामिल नहीं रहे।