पंजाब में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू चुकी है। इस सियासी जंग में हिस्सा लेने वाली सभी राजनीतिक पार्टियां खुद की जड़ें मजबूत करने की कवायद में जुटी है। इसी क्रम में पंजाब चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को एक मजबूत साथी मिल गया है। दरअसल, इस चुनावी जंग में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा और शिरोमणि अकाली दल ने एक साथ चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।
अकाली दल के अध्यक्ष ने दी जानकारी
बताया जा रहा है कि बसपा और अकाली दल द्वारा लिए गए इस निर्णय के साथ ही दोनों दलों के बीच में सीटों का बंटवारा भी हो चुका है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान करते हुए बताया कि पंजाब की कुल 117 सीटों में से 20 सीटों पर बसपा और बाकी बची 97 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल चुनाव लड़ेगी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि दोनों पार्टियों की सोच दूरदर्शी है, दोनों ही पार्टियां गरीब किसान मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही हैं। ये पंजाब की सियासत के लिए ऐतिहासिक दिन है।
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इससे पहले, साल 1996 लोकसभा चुनाव में भी अकाली दल और बसपा दोनों दल साथ मिलकर लड़े थे। तब बसपा सुप्रीमो कांशीराम पंजाब से चुनाव जीत गए थे। सितंबर 2020 में संसद से पास तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए के घटक अकाली दल ने मोदी सरकार से बाहर होने का फैसला किया था।