कोरोना वायरस की मार झेल रहे सपा नेता आजम खान को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जल निगम में इंजीनियर, क्लर्क और स्टेनोग्राफर के 1300 पदों पर भर्ती मामले में आजम खान की जमानत याचिका रद्द कर दी है। फिलहाल, कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से आजम खान लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उपचार करा रहे हैं।
आजम खान की याचिका खारिज
आजम खान की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने कहा कि आजम का वारंट पहले से उन्हें सीतापुर जेल में 19 नवंबर 2020 को दिया जा चुका है इसलिए इस मामले में वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में लिये जा चुके हैं। इस कारण से यह अर्जी विचार योग्य नहीं है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और आईबी सिंह ने दलील दी कि उन्हें इस मामले में राजनीतिक कारणों से गलत तरीके से फंसाया गया। अपर शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार मिश्रा ने आजम की अर्जी का जोरदार विरोध करते हुए अदालत को बताया कि आजम पहले से ही इस मुकदमे में न्यायिक हिरासत में है क्योंकि सक्षम अदालत ने 18 नवंबर 2020 को ही सीतापुर जेल में उन्हें वारंट भेज दिया था जो कि अगले दिन उन्हें सौंप भी दिया गया था।
इस पर आजम के अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी न्यायिक हिरासत मान लिया जाये तो इस मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र 24 मई को दाखिल किया गया था जो कि उनकी न्यायिक हिरासत से 90 दिन बाद था। इसलिए उन्हें स्वत: ही जमानत मिलनी चाहिए। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि आजम इसके लिए सक्षम अदालत में अर्जी दे सकते हैं।
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आपको बता दें कि सपा सरकार के शासनकाल में जल निगम में जल निगम में जेई के 853 और क्लर्क के 335 पदों के साथ असिस्टेंट इंजीनियर के 117 पदों पर भर्तियां हुई थी। उस वक्त आजम खान शहरी विकास मंत्रालय का पदभार संभाल रहे थे। इन भर्तियों में घोटाले का आरोप लगा था। एसआईटी की जांच में आजम खान सहित 14 लोग दोषी पाएं गए थे।