पूरे देश में कहर बरपा रहे कोरोना संक्रमण की वजह से चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है। इस महामारी की वजह से रोजाना हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही हैं। इस बार कोरोना का प्रकोप कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन पर टूटा है। दरअसल, गुरूवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दो किसानों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई। इस घटना के बाद से बॉर्डर पर दहशत का माहौल है।
आंदोलन का हिस्सा बनने वाले दो किसानों की मौत
मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब के पटियाला निवासी बलबीर सिंह (50) और लुधियाना निवासी महेंद्र सिंह (70) कृषि कानूनों का विरोध करते हुए सिंघु बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का हिस्सा थे। इन दोनों किसानों की गुरूवार को कोरोना संक्रमित होने की वजह से मौत हो गई।
इस बारे में जानकारी देते हुए सोनीपत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जसवंत सिंह पुनिया ने कहा कि बलबीर कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित था। उन्हें एक सरकारी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया और एक परीक्षण से पता चला कि उन्हें COVID था। केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और अन्य जगहों पर हजारों किसान पिछले छह महीनों से सिंघु और टिकरी सहित दिल्ली की विभिन्न सीआओ पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) स्पोक्स के भोपाल सिंह ने कहा, सिंघू बॉर्डर पर 2 किसानों की कोरोना से मौत हो गई। किसान ऐसे ही मरते रहे तो कौन आंदोलन करेगा? इसलिए मैं किसानों से अनुरोध करना चाहता हूं कि देश में संकट को देखते हुए हमें आंदोलन को फिलहाल के लिए स्थगित कर देना चाहिए।
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भोपाल सिंह ने कहा, किसान बचे रहेंगे तभी हम अन्नदाता कहलाएंगे। हम किसान तभी कहलाएंगे जब हम अपनी फसल और जान बचा पाएंगे। हम भविष्य में आंदोलन करेंगे, लेकिन अभी स्थिति ठीक नहीं है। इस कठिन समय में हमें देश के साथ रहना चाहिए।