पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सूबे में हुई हिंसक घटनाओं की जांच का दौर शुरू हो गया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक टीम ने भी बंगाल का दौरा कर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। NCW के इस दौरे में कई ऐसे खुलासे हुए जो चौंकाने वाले थे। दरअसल, इस जांच टीम ने पाया कि यहां कई महिलाओं को लगातार गैंगरेप की धमकियां मिल रही हैं। कई महिलायें ऐसी हैं, जो अपनी बेटियों को राज्य के बाहर भेजने की कोशिश में हैं।
बंगाल में महिलाओं की स्थिति दयनीय
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, बंगाल की स्थिति का जायजा करने पहुंची NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बीते शुक्रवार को बताया कि पीड़ित महिलाएँ अपने साथ हुए अत्याचार को लेकर आवाज़ भी नहीं उठाना चाहतीं, क्योंकि उन्हें डर है कि इसके बाद उनके साथ कुछ बुरा किया जा सकता है। बंगाल में रविवार को चुनावी नतीजे आने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के गुंडों पर भाजपा, कांग्रेस और CPI(M) ने हिंसा के आरोप लगाए हैं। भाजपा का आरोप है कि डेढ़ दर्जन कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया कि बंगाल में 1 लाख भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके परिजनों को तृणमूल के गुंडों की हिंसा और प्रताड़ना के कारण पलायन करना पड़ा है। नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें 2 महिलाओं को सड़क पर घसीट-घसीट कर पीटा जा रहा था। एक महिला को उसकी बेटी के सामने उठक-बैठक कराया गया। इस तरह की कई अन्य घटनाओं का NCW ने संज्ञान लिया।
NCW ने अपने बयान में कहा कि हमारी टीम को कई पीड़िताओं के बारे में पता चला है, जिन्हें हिंसा के कारण अपना घर छोड़ कर पलायन करना पड़ा। उनमें से कई अभी भी शेल्टर होम्स में रहने को मजबूर हैं। उन महिलाओं ने बताया कि TMC के गुंडों ने उनका शारीरिक शोषण किया और उनके घरों को तहस-नहस कर दिया गया।
बंगाल में जाँच टीम को कई महिलाओं ने बताया कि उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया है। इन महिलाओं ने बताया कि उन्हें रोज बलात्कार की धमकियाँ मिल रही हैं। पुलिस-प्रशासन उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहा है। पीड़ित महिलाओं ने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि वो बड़े-बुजुर्गों को घर में छोड़ कर ही भागने को मजबूर हुई हैं और उन्हें अब उनकी चिंता खाए जा रही है। जिन शेल्टर होम वो रह रही हैं, वहाँ भी कोई सुविधाएँ नहीं हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि महिलाओं के साथ हो रहे अपराध से निपटने के लिए पुलिस को उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। आयोग ने कहा कि महिलाओं को पता ही नहीं है कि उनके लिए सरकार कौन सी योजनाएँ चलाती हैं। ऐसी पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए कोई योजना नहीं है। NCW ने महिलाओं के बीच केंद्र सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाने पर भी बल दिया।
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आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम ने भी बंगाल में कई हिंसा पीड़ित स्थलों का दौरा किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी जाँच के लिए ऐसी ही एक टीम गठित की है। उधर कोलकाता हाईकोर्ट ने भी हिंसा को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट माँगी है।