इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक क्रिकेट महोत्सव की तरह है, लेकिन इस समय में कोविड -19 की वजह से पूरे देश की हालत बहुत ज्यादा खराब है। ऐसे में प्रशासन का इस टी20 लीग को देश में खेलने देने की इजाजत देना कई सवाल खड़े कर रहा है।
वर्तमान में इस खेल के एक्सपर्ट माने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन को ऐसा लगता है कि इस टी20 लीग को जारी रहना चाहिए, क्योंकि इससे अरबों लोगों को खुशी मिलती है। लेकिन इसके साथ ही आईपीएल के चल रहे इस 14वें सीजन के एक पहलू ने वॉन को हैरान कर दिया है।
भारत में आए दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले रोजाना आ रहे हैं। देश भर के अधिकांश क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध और कर्फ्यू लगाए गए हैं। कोविड-19 संक्रमित रोगियों की आकाश छूती संख्या और उनका उपचार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि, ऐसे में क्रिकेटर्स के आईपीएल में भाग लेने की आशंका समझ में आती है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने खिलाड़ियों को इस वायरस से सुरक्षित रखने के लिए बायो बबल का इंतजाम किया है। आईपीएल का 14वां सीजन शुरू होने के बाद से आराम से चल रहा था, लेकिन जैसे ही कुछ खिलाड़ियों जैसे एडम जाम्पा, केन रिचर्ड्सन, एंड्रयू टाय और लियाम लिविंगस्टोन ने कोरोना वायरस के डर से लीग के बीच से अपना नाम वापस लेने का फैसला लिया। इस टूर्नामेंट पर भी सवाल उठने लगे।
हालांकि, लीग के बाकी विदेशी खिलाड़ी अपनी प्रतिबद्धताओं पर टिके हुए हैं। ऐसे में माइकल वॉन ने एक ट्वीट कर विदेशी खिलाड़ियों के आईपीएल में खेलने को लेकर एक सवाल उठाया है। वॉन ने ट्वीट करते हुए लिखा, ”मुझे लगता है कि आईपीएल जारी रहना चाहिए। इस भयावह समय में हर शाम अरबों की खुशी महत्वपूर्ण है… लेकिन मुझे यह सोचने में मुश्किल हो रही है कि कैसे दक्षिण अफ्रीका दौरे पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने खुद को वापस खींच लिया था। लेकिन अभी तक दोनों देशों के खिलाड़ियों को भारत में खेलने की अनुमति है!!!”
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बता दें कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ्रीका दौरे को बीच में छोड़ दिया था। दरअसल, उस वक्त दोनों टीमों के कैंप में होटल के स्टाफ में कोरोना वायरस होने के बाद इंग्लैंड ने यह फैसला लिया था। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अपने खिलाड़ियों को दक्षिण अफ्रीका का बायो बबल तोड़कर वापस बुलाने के फैसला लिया था, क्योंकि वह वायरस के खतरे को रोकने के लिए काफी नहीं था।