देश में जारी कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कोरोना से बचाव और संक्रमण से निपटने के लिए जारी तैयारियों पर चर्चा किया है। इस कार्यक्रम में उन्होंने दो डॉक्टर्स से संक्रमण के बारे में बात की। कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टर शशांक जोशी, मुंबई ने कहा कि कोरोना की दूसरी वेव तेजी से आई है। यह वायरस तेज चल रहा है। लेकिन अच्छी बात ये है कि रिकवरी रेट में सुधार है, मृत्यू दर कम है। लोगों को भयभीत नहीं होना चाहिए। जैसे हम लोग कपड़े बदलते हैं। वैसे वायरस रंग बदल रहा है। हमें सतर्क रहना चाहिए। 14-21 दिनों तक सावधानी बरती जानी चाहिए।
उन्होंने कोविड ट्रीटमेंट के बारे में बात करते हुए कहा कि कई बार लोग क्लीनिकल ट्रीमेंट देरी से चालू करते हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों कोरोना के लक्षण आते ही लोग मोबाइल से जानकारी लेकर खुद इलाज करने लगते हैं। प्रोटोकॉल के मुताबिक तीन तरह का कोविड होता है। अगर मरीज को हलका कोविड है तो ऐसी स्थिति में उनके शरीर का तापमान जांच करना चाहिए, ऑक्सीजन आदि मॉनिटर करते रहना चाहिए। वहीं अगर मरीज को मध्य या तीव्र कोविड है तो ऐसे में उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने रेमेडिसविर की बात करते हुए कहा कि इस दवा का एक फायदा यह है कि इससे हॉस्पिटल में रहने का वक्त थोड़ा कम हो जाता है। लेकिन इसके दवा के पीछे लोग दौड़े नहीं। अन्य दवाएं भी आराम दे सकती है।
डॉक्टर ने कहा कोविड के दौर में हमें अपने शरीर को स्वस्थ्य रखना सबसे जरूरी काम है। इसके लिए लोगों को प्राणायाम करना चाहिए। फेफड़े को मजबूत रखना चाहिए। इसके अलावा अगर मरीज को खून पतला करने वाली दवाएं देंगे तो दिक्कत इतनी नही होगी। भारत का रिकवरी रेट सबसे अच्छा है।
श्रीनगर से नावीद नजीर से की बातचीत
डॉक्टर के अलावा पीएम ने कार्यक्रम में मोदी ने श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर नावीद नजीर से भी बात की। पीएम ने बताया कि रमजान के पवित्र महीने में भी नावीद कोरोना मरीजों को सेवा दे रहे हैं। लोगों में कोरोना को लेकर जो खौफ है उसपर पीएम ने उनसे बात की।
नावीद ने कहा कि पहले 90-95 फीसदी लोग बिना किसी दवा के ठीक हो जाते हैं। दूसरी वेव में भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। अगर मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंस, सोशल गेदरिंग से बचना करेंगे तो बचाव संभव है। वैक्सीन को लेकर नावीद ने कहा कि जब कोरोना आया था तो वैक्सीन नहीं थी। लेकिन इस वक्त हमारे पास दो देसी कोरोना वैक्सीन है। दोनों ट्रायल में प्रभावशाली साबित हुई हैं। नावीद ने बताया कि जम्मू कश्मीर में जिनको टीका लगवाया उनमें मामूली लक्षण जैसे बुखार आदि ही देखने को मिले। टीका लगने के बाद भी कोरोना हो सकता है। लेकिन ऐसा होने पर भी बीमारी जनलेवा साबित नहीं होगी, क्योंकि उस मरीज को वैक्सीन लगी है।
दो नर्सों से भी की बात
इसके अलावा पीएम ने दो नर्सों से भी बात की। पहली नर्स भावना ध्रुव, रायपुर के BR अबेंडकर हॉस्पिटल में सेवा दे रही हैं। नर्स ने बताया कि उनकी लगातार 14 दिन की ड्यूटी लगती है। फिर 14 दिन का आराम। नर्स ने बताया कि कोरोना के हालात को देखते हुए जब पिछले साल उन्होंने ड्यूटी के बारे में घरवालों को बताया था तो सबको थोड़ी चिंता हुई थी। उनकी बच्ची भी चिंता में थी। वहीं दूसरी नर्स सुरेखा (बेंगलुरु) ने बताया कि डरने की जगह इस महामारी का डटकर सामना करना है।
मम्मी कहती हैं कि यह नौकरी छोड़ दो
पीएम ने अगली बातचीत CATS एंबुलेस के ड्राइवर प्रेम वर्मा से की। प्रेम को कोरोना के दोनों टीके लग चुके हैं। उन्हेंने कहा कि सभी को कोरोना का टीका लगवाना चाहिए। उसने कहा कि मम्मी कहती हैं कि यह नौकरी छोड़ दो। मैं कहता हूं कि मम्मी मैं छोड़ दूंगा तो मरीज हॉस्पिटल कैसे जाएंगे।
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ठीक होने के बाद भी करती हैं योगा
इसके अलावा पीएम ने गुरुग्राम से कोरोना को हराने वाली प्रीति चतुर्वेदी से भी बात की। कोरोना से ठीक होने वाली प्रीति चतुर्वेदी ने बताया कि उनको गले में खराश महसूस हुई थी। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह टेस्ट करवाकर पॉजेटिव आने पर आइसोलेट हो गईं। प्रीति ने बताया कि ठीक होने के बाद भी उन्होंने काढ़ा पीना, योगा करना बंद नहीं किया था।