पश्चिम बंगाल में 22 अप्रैल को होने वाले छठे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाकी बचे तीनों चरणों के चुनाव एक साथ कराने की मांग दोहराई है।
ममता ने चुनाव आयोग से की मांग
कालियागंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, “मैं एक बार फिर हाथ जोड़कर चुनाव आयोग से अपील कर रही हूं, छठे, सातवें और आठवें चरण का चुनाव एक साथ कराया जाए। या दो बार में निपटाया जाए।”
राज्य में कोरोना के लगातार बिगड़ते हालात को लेकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “छह महीने पहले ही मैंने इसे लेकर सभी उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन की मांग की थी लेकिन अभी तक नहीं मिला। राज्य में महामारी प्रसार के लिए केंद्र और भाजपा जिम्मेवार है।” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से मैं अनुरोध कर रही हूं कि लोगों की जिंदगी से मत खेलें। बाकी बचे चरणों का चुनाव एक साथ कराया जाए। उन्होंने कहा कि कम से कम अंतिम दोनों चरणों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं।
बांग्लादेश की सीमा से सटे कालियागंज के इस इलाके में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी एनआरसी और एनपीआर का जिक्र करना नहीं भूलीं। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) एनआरसी एनपीआर लागू कर लोगों की नागरिकता छीनने वाले हैं। डिटेंशन कैंप बनाएंगे। अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में लोगों को एनआरसी का डर दिखाते हुए ममता ने कहा कि वे आएंगे तो निश्चित तौर पर एनआरसी भी लाएंगे। इसीलिए उन्हें एक भी वोट देकर बर्बाद ना करें।
सीतलकुची फायरिंग का एक बार फिर जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि बुलेट का जवाब बैलेट से देना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के पाले में गोल करना होगा और उन्हें मैदान से बाहर करना होगा। ममता ने कहा कि उन्होंने राज्य के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है और आगे भी करेंगी।
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मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार में अपने समय की कटौती की है और मात्र आधे घंटे भाषण देने का आश्वासन दिया है। हालांकि उन्होंने महज 15 मिनट में अपना भाषण खत्म कर दिया और कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी सभा छोटी की है। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने का अनुरोध किया और कहा कि चुनाव जीतने के बाद जरूर आएंगी।