दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को शर्तों के साथ निजामुद्दीन मरकज का ताला खोलने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने मरकज के अंदर मस्जिद में पचास लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने ये आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
निजामुद्दीन मरकज को लेकर केंद्र सरकार ने दिया तर्क
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि त्यौहारों का मौसम आ रहा है। ऐसे में निजामुद्दीन मरकज के अंदर मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए वक्फ की ओर से चुने हुए पचास लोगों को अनुमति दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने कहा कि नमाज पढ़ने वालों की लिस्ट इलाके के एसएचओ को दी जाए।
सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की ओर से रमेश गुप्ता और वजीह शफीक ने कोर्ट से कहा कि हफ्ते के अंत में शबे-बारात का त्यौहार है। इस त्यौहार के दौरान मरकज को खोलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने के लिए केवल मस्जिद का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए मदरसा का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
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वक्फ ने कहा कि 13 अप्रैल से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। रमजान के दौरान कई लोग मस्जिद में नमाज पढ़ना चाहते हैं। उसके बाद कोर्ट ने 12 अप्रैल को अगली सुनवाई का आदेश दिया। बता दें कि कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद मार्च 2020 से निजामुद्दीन मरकज को बंद कर दिया गया। मरकज में आने वाले कई विदेशियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।