लोकसभा में सोमवार को बीमा (संशोधन) विधेयक-2021 पारित होने के साथ ही संसद ने अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस विधेयक के बारे में जारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने दिया संक्षिप्त चर्चा का जवाब
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि एफडीआई की सीमा बढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि इसमें उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहें तथा प्रीमियम के रूप में एकत्रित की जाने वाली धनराशि का उपयोग केवल देश में हो।
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि बीमा कंपनियों के निदेशक मंडल और अन्य प्रमुख अधिकारियों का बहुमत भारत में रहने वाले लोगों का होगा और बीमा कंपनियों के मुनाफे की कुछ धनराशि सुरक्षित कोष के रूप में रहेगी ताकि कंपनी को आर्थिक कठिनाई होने के बावजूद उपभोक्ताओं की रकम न डूबे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निवेश सीमा बढ़ाने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि बीमा कंपनियां नकदी की समस्या से जूझ रही थी। उन्होंने कहा कि भारत में बीमा सुविधाओं का क्षेत्र अन्य देशों और विश्व औसत से कम है तथा इसके विकास की बहुत संभावनाएं हैं।
यह भी पढ़ें: गृहमंत्री पर आरोप लगाकर सियासत के जाल में फंसे पुलिस कमिश्नर, शरद पवार ने बोला हमला
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में आरक्षण की व्यवस्था पहले की तरह कायम रखी जाएगी। मोदी सरकार सामाजिक न्याय के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विधेयक पर पेश संशोधनों को खारिज करते हुए सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा ने बीते गुरुवार को इस विधेयक को पारित कर दिया था।