देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास से विस्फोटकों के भरी स्कार्पियो बरामद होने के मामले में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद अब महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख की भी कुर्सी हिलती नजर आ रही है। दरअसल, इस मामले को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि। इस आरोपों के बाद परमबीर सिंह सत्तारूढ़ दलों के निशाने पर आ गए हैं।
अनिल देशमुख के बचाव में उतरे नवाब मलिक
इसी क्रम में इस बार एनसीपी नेता नवाब मलिक ने परमबीर सिंhह पर निशाना साधते हुए अनिल देशमुख के बचाव में मोर्चा संभाला है। उन्होंने परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए बड़ा बयान दिया है।
नवाब मलिक ने कहा कि अनिल देशमुख के सेक्रेटरी से बात हुई है। उनका कहना है कि 5 फरवरी को अनिल देशमुख को कोरना हुआ था। 6 से 15 फरवरी तक देशमुख नागपुर में भर्ती थे। इसके देशमुख बाद 16 से 26 फरवरी तक मुंबई में क्वारंटीन थे। इसके साथ ही नवाब मलिक ने कहा कि परमबीर सिंह ने पद पर रहते हुए यह बात क्यों नहीं बतायी। बता दें कि हटाए जाने के बाद परमवीर सिंह ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी जिसमें आरोप लगाया कि गृहमंत्री वाजे के जरिए हर महीने 100 करोड़ की वसूली चाहते थे।
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आपको बता दें कि परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों के बाद बीते रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी नेताओं की बैठक हुई। बैठक में प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, जयंत पाटिल और सुप्रिया सुले शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस्तीफे पर फैसला सीएम उद्धव ही लेंगे।अगर कोई पुख्ता सबूत मिला, तो कार्रवाई करेंगे, जल्दबाजी में कोई फैसला ना लिया जाए।