पिछले वर्ष बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर शिरकत करने वाली राजद और महाराष्ट्र की सत्ता में कांग्रेस के साथ मिलकर काबिज एनसीपी पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। दरअसल, राजद नेता तेजस्वी यादव और एनपीसी प्रमुख शरद पवार बंगाल चुनाव की तैयारियों में जुटी ममता बनर्जी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। इस बात को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी भी जाहिर की है।
कांग्रेस ने पत्र लिखकर की अपील
बताया जा रहा है कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी पत्नी और बेटी के साथ कोलकाता में ममता बनर्जी के समर्थन में चुनाव प्रचार करने आ रहे हैं। इसी तरह से बिहार में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ कांग्रेस का गठबंधन है लेकिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ममता के पक्ष में प्रचार करने का आश्वासन दे चुके हैं। कुछ दिन पहले ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कोलकाता आये थे, तब उन्होंने नवान्न में ममता बनर्जी से मुलाकात कर उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया था। इसे लेकर कांग्रेस ने अब खुलेआम नाराजगी जतानी शुरू कर दी है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने शरद पवार और तेजस्वी को पत्र लिखकर साफ कहा है कि वे ममता बनर्जी के पक्ष में प्रचार न करें। इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। प्रदीप भट्टाचार्य ने शरद पवार पत्र में कहा है कि आपके आने से बंगाल के आम मतदाताओं के बीच असमंजस की स्थिति बनेगी, जो हमारे लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार करने से बचें। इससे पूर्व तेजस्वी और शरद ने ममता को नैतिक समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। तेजस्वी कह चुके हैं कि बंगाल में जितने भी बिहारी वोटर हैं, सभी का वोट ममता को दिलवायेंगे।
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दूसरे राज्यों में तेजस्वी तथा शरद के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली कांग्रेस को बंगाल में ममता के लिए शरद और तेजस्वी का प्रचार बैकफुट पर भेज सकता है। तेजस्वी और शरद का ममता के लिए प्रचार कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा धक्का भी लगेगा। इसी तरह केरल विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और वाम आमने-सामने हैं।