वर्ष 2008 में दिल्ली पुलिस द्वारा किये गए बाटला हाउस एनकाउंटर के लगभग 18 साल बाद मामले में आरोपी ठहराए गए आरिज खान को उनके करतूत की सजा मिल गई है। दरअसल, दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आरिज खान को दोषी करार दिया है। सजा की अवधि पर 15 मार्च को सुनवाई होगी। पिछले 3 मार्च को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। एडिशनल सेशंस जज संदीप यादव ने ये फैसला सुनाया है।
बाटला हाउस में वर्ष 2008 में चली थी ताबड़तोड़ गोलियां
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरिज खान को फरवरी, 2018 में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था। आरिज पर दिल्ली, अहमदाबाद, यूपी और जयपुर में हुए बम धमाकों का भी आरोप है। उस पर यह भी आरोप है कि वह दिल्ली में 2008 में बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान जिस बिल्डिंग में मौजूद था, उसी में चार आतंकी मौजूद थे।
बाटला हाउस से चार आतंकियों में से दो आतंकियों को भगाने में आरिज ने मदद की थी। आरिज के खिलाफ एनआईए ने 15 लाख रुपये का इनाम रखा था। दिल्ली पुलिस ने भी उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। आरिज यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला है। इस मामले में एक आरोपित शहजाद अहमद को 2013 में सजा सुनाई जा चुकी है।
जानिये क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि 13 सितम्बर वर्ष 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम-ब्लास्ट हुआ था। दिल्ली करोलबाग़, कनाट प्लेस और इंडिया गेट जैसे दिल्ली के इन पॉश इलाकों में हुए इस सिलसिलेवार बम ब्लास्ट में करीब 13 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस घटना की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली थी।
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घटना के कुछ ही दिनों बाद पुलिस को इस मामले को अंजाम देने वाले कुछ आरोपियों के बारे में जानकारी मिली, कि वे लोग जामिया नगर के बाटला हाउस के एक मकान में छिपे हैं। इसके बाद पुलिस दल ने इस जगह पर छापेमारी की, जहाँ छिपे आतंकियों के साथ पुलिस की जमकर मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में पुलिस टीम का नेतृत्व करने वाले इंसपेक्टर शहीद हो गए। वहीं पुलिस ने दो आतंकियों को मार गिराया था और दो को गिरफ्तार किया था, जबकि साजिद ने दो को फरार होने में मदद की थी।