इन दिनों पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही है। इन्ही तैयारियों के बीच एक तरफ जहां सभी राजनीतिक दल जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वहीं, चुनाव आयोग भी इन राजनीतिक दलों के क्रिया-कलापों पर नजर जमाए हुए हैं। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को आदेश दिया है कि वह कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को हटा दें।
चुनाव आयोग ने स्वास्थय मंत्रालय को लिखा पत्र
चुनाव आयोग ने स्वास्थय मंत्रालय को एक पत्र लिखकर यह आदेश सुनाया है। इस पत्र में चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के नियमों के तहत उसे पालन करने को कहा है। चुनाव आयोग यह फैसला बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उस शिकायत के बाद लिया जिसमें तृणमूल ने कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया था।
एक न्यूज रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीन एक केन्द्र की योजना है और बंगाल के चीफ इलेक्ट्रल ऑफिसर इस मुद्दे पर रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौपेंगे। चुनाव आयोग ने सुझाव दिया है कि चुनावी राज्यों- पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी से फोटो को हटाया जाना चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में चुनाव आयोग ने आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का हवाला दिया है जो सरकारी खर्च पर विज्ञापन पर पांबदी लगाते हैं। चुनाव आयोग और मंत्रालय के बीच हुए संवाद से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने किसी व्यक्ति या शख्सियत का हवाला नहीं दिया है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि वह आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरश: पालन करे।
सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को संभवत: अब फिल्टर का उपयोग करना पड़ेगा ताकि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी (जहां-जहां चुनाव होने हैं) में कोविड-19 टीकाकरण के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर ना छपे। सिस्टम में इस फिल्टर को अपलोड करने में समय लगेगा।
गौरतलब है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद इसके लाभार्थियों को डिजिटल कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल किया गया है। इसी सर्टिफिकेट के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस चुनाव ने मंगलवार को चुनाव आयोग से शिकायत की थी। यह शिकायत करते हुए तृणमूल नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा था कि चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
यह भी पढ़ें: सीएम योगी बोले- युवाओं को दी चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां, कोई प्रश्न नहीं…
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। पीएम मोदी की तस्वीर अब भी कोविड-19 डॉक्यूमेंट्स पर दिख रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग के साथ जोरदार तरीके से उठा रहा है। वैक्सीन के लाभार्थियों को दिए जा रहे सर्टिफिकेट के ऊपर पीएम मोदी की तस्वीर आती है। टीएमसी ने तस्वीर को प्रधानमंत्री द्वारा अधिकार का दुरुपयोग करार दिया था। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद 26 फरवरी से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है।