दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर टूलकिट फैलाने के मामले में गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने 23 फरवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं दिशा रवि
पिछले 19 फरवरी को कोर्ट ने दिशा रवि को तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले के सह-आरोपित शांतनु को 22 फरवरी को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में निकिता और शांतनु पर भी आरोप हैं। दिशा रवि को दूसरे सह-आरोपितों के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है।
पिछले 19 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यूज चैनलों के संपादकों को निर्देश दिया था कि वे संपादकीय नियंत्रण सुनिश्चित करें ताकि सूचना देते समय कोई जांच प्रभावित नहीं हो। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने कहा था कि निजता के अधिकार, देश की अखंडता, संप्रभुता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन कायम होना चाहिए।
पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले 14 फरवरी को दिशा रवि को 19 फरवरी तक की पुलिस हिरासत में भेजा था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्युमेंट को एडिट करने के बाद शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था।
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यह टूलकिट तब चर्चा में आया था, जब इसे ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया। उसके बाद पुलिस ने 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 120ए और 153ए के तहत बदनाम करने, आपराधिक साजिश रचने और नफरत को बढ़ावा देने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की हैं।