बेंगलुरु से हुई दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट केस मामले में पुलिस दिन प्रति दिन नए नए खुलासे कर रही है। इसी क्रम में कई मीडिया संस्थानों ने बीते दिन दिशा रवि के व्हाट्सएप चैट के के हिस्सों को भी प्रकाशित किया था। हालांकि , मीडिया संस्थानों के इस कृत्य को दिशा रवि ने अपने निजता से जोड़ते हुए दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी मांग की है।
दिशा रवि ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
दरअसल, दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट से पुलिस को निर्देश देने की मांग की है कि जांच से जुड़े तथ्य मीडिया को लीक न करें। दिशा रवि ने याचिका में मीडिया संस्थानों पर व्हाट्सएप्प चैट के हिस्सों को प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की है।
याचिका में कुछ न्यूज चैनलों पर इस केस से संबंधित रिपोर्ट दिखाते समय उसकी निजता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निर्देश जारी करे कि न्यूज़ चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करें। न्यूज़ चैनलों ने जिस तरह की खबरें प्रसारित की हैं, उससे याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी गैरकानूनी तरीके से की है। उसे बेंगलुरू से बिना किसी ट्रांजिट रिमांड के दिल्ली लाया गया। याचिका में मीडिया संस्थानों पर मीडिया ट्रायल चलाने का आरोप लगाया गया है। पिछले 14 फरवरी को कोर्ट ने दिशा रवि को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्यूमेंट को शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। दिशा पर टूलकिट नाम के उस डॉक्यूमेंट को एडिट करके उसमें कुछ चीज़ें जोड़ने और उसे आगे फॉरवर्ड करने का आरोप है।
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यह टूलकिट तब चर्चा में आया था, जब इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया। उसके बाद पुलिस ने पिछले 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 120ए और 153ए के तहत बदनाम करने, आपराधिक साजिश रचने और नफरत को बढ़ावा देने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की है।