पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरूवार को सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ में एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, अमित शाह ने अपने बयान में उस दिन का ऐलान किया है जब नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की शुरूआत की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
अमित शाह ने मतुआ समुदाय को दिया सन्देश
दरअसल, अमित शाह ने यह ऐलान मतुआ समुदाय बाहुल्य क्षेत्र ठाकुरनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि हम CAA लेकर आए, बीच में कोरोना आ गया। ममता दीदी कहने लगी कि ये झूठा वादा है। हम जो कहते हैं वो करते हैं। जैसी ही ये वैक्सीनेशन का काम समाप्त होता है, जैसे ही कोरोना से मुक्ति मिलती है, आप सभी को नागरिकता देने का काम बीजेपी सरकार करेगी।
अमित शाह ने कहा कि अब ममता बनर्जी CAA को लागू करने का विरोध करने की स्थिति में नहीं होंगी क्योंकि विधानसभा चुनावों के बाद वह मुख्यमंत्री नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2018 में वादा किया था कि वह नया नागरिकता कानून लाएगी और 2019 में बीजेपी के सत्ता में आते ही वादे को पूरा किया गया।
इससे पहले अमित शाह ने कूचबिहार की रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विफल प्रशासक बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल और उनके विनाश मॉडल के बीच मुकाबला होगा।
शाह ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा निकाली जा रही पांच ‘परिवर्तन यात्राओं’ में से चौथी यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह यात्रा एक मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री बदलने के लिए नहीं है। यह घुसपैठ समाप्त करने के लिए है, यह हिंसा समाप्त करने और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने, यह बंगाल के परिवर्तन के लिए है।
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उन्होंने कहा कि आप बंगाल में बीजेपी को वोट देकर सत्ता में लायें। अवैध प्रवासियों को तो छोड़िये, सीमा पार से एक पक्षी तक को भी राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।