अमेरिका की फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने गुरुवार को उनकी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग के लिए आवेदन किया है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह वैक्सीन फाइजर-बाओनटेक और मॉडर्ना के बाद मंजूरी पाने वाली तीसरी बड़ी कंपनी होगी।
कंपनी की सिस्टर कंपनी जॉनसेन बायोटेक ने यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग करने के लिए मंजूरी मांगने के लिए आवेदन किया है। इस नए वैक्सीन की दो विशेषताएं हैं कि इसे आसानी से फ्रिज में रखा जा सकता है और इसका वितरण भी बहुत आसानी से किया जा सकता है। साथ ही संक्रमण से लड़ने के खिलाफ इसकी एक डोज ही काफी है।
क्लीनिक्ल ट्रायल्स और डेटा के आधार पर एफडीए की सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें डेटा के आधार पर विश्लेषण किया जाएगा और इसके आधार पर समिति अपनी राय देगी। इस दौरान यह आंकलन किया जाएगा कि यह वैक्सीन संक्रमण से लड़ने में कितना प्रभावी है।
इससे पहले जॉनसन एंड जॉनसन ने पिछले हफ्ते के अंत में आठ देशों और लगभग 44000 लोगों पर हुए क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे घोषित किए थे। कंपनी का कहना है कि यह वैक्सीन महामारी से लड़ने में 66 प्रतिशत प्रभावी है और गंभीर स्थिति में यह 85 प्रतिशत प्रभावी है।
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कंपनी की ओर से इमरजेंसी प्रयोग के लिए मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन के डिलिवरी करने के लिए कंपनी पूरी तरह से तैयार है। साल 2021 तक अमेरिका, दक्षिण- अफ्रीका, भारत और यूरोप को वैक्सीन की 1 मिलियन डोज देने का उद्देशय रखा गया है।