कानपुर में जिला अस्पताल उर्सला और मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल सहित दर्जनों सरकारी अस्पताल हैं, लेकिन लाखों की आबादी छावनी में बेहतर सरकारी अस्पताल की कमी थी। इसको लेकर छावनी बोर्ड ने अस्पताल के सामने ही 30 बेड का अस्पताल बनाने का निर्णय लिया। यहां पर मरीज तो भर्ती होंगे ही साथ ही आपरेशन भी होंगे। ऐसे में यहां के निवासियों को जिला अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगें।
छावनी क्षेत्र में रहने वाले लाखों लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याए अब समाप्त हो जाएंगी। हालांकि यहां के निवासियों के लिए सार्वजनिक चिकित्सालय है जहां ओपीडी की सुविधा है। छावनी बोर्ड ने इसके ठीक सामने 30 बेड का एक और अस्पताल शुरु किया है। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही पूरी क्षमता के साथ अस्पताल को शुरु किया जाएगा। हालांकि अभी यहां सिर्फ ओपीडी की सुविधा है। स्टाफ पूरा होने के बाद मरीज भी भर्ती किए जाने लगेंगे।
यह भी पढ़ें: कानपुर में मई-जून तक फर्राटा भरेंगी सौ इलेक्ट्रिक बसें, प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
स्टाफ बढ़ाने के लिए नर्सिग स्टाफ की भर्ती की जाएगी। ऐसे में अब यहां के निवासियों को छोटे-छोटे आपरेशन कराने के लिए उर्सला या हैलट अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा और यहीं पर सब सुविधाएं मिलेंगी। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक मरीजों को सहीं इलाज मिल सके। इसके लिए बेहतर से बेहतर सुविधा का प्रावधान किया जायेंगा। उन्होंने बताया कि यहां 22 नर्सिग स्टाफ की भर्ती की जायेंगी। अभी यहां एक डॉक्टर जनरल डयूटी अटेंडेट पांच और नर्सिग स्टाफ तीन है। अस्पताल को पूरी क्षमता से चलाने के लिए तीन डॉक्टर तीन जनरल ड्यूटी अटेंडेट व 22 नर्सिग स्टाफ की भर्ती होना आवश्यक है।