प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से आज असम के ते़ज़पुर विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच सकारात्मक परिणामों की ओर ले जाती है और यही आत्मनिर्भर भारत का मूल है। टीम इंडिया की ऐतिहासिक टेस्ट क्रिकेट जीत से प्रेरणा लेने के लिए देश के युवाओं से आग्रह करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत भले ही कम अनुभवी हो, फिर भी हमें चुनौतियों का सामना करना चाहिए, जैसा कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के गाबा में भारतीय क्रिकेट टीम ने कर दिखाया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यूनिवर्सिटीज वर्चुअल हो सकती हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर भी जोर देते हुए कहा कि महामारी की शुरुआत में लोग आशंकित थे कि क्या होगा, लेकिन देश ने लचीलापन दिखाया, हमने सक्रिय निर्णय लिया। हमने कोविड के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन निकालकर इसका हल निकाला है। पीएम मोदी ने कहा, हमारे टीके हमारे वैज्ञानिकों पर विश्वास का जीता जागता उदाहरण हैं। पीएम ने कहा कि हम डिजिटल समावेशन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले देशों में एक हैं। पीएम ने बैंकिंग समावेश पर भी जोर दिया।
इसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक देश का स्वर्णिम काल है और इसमें युवाओं के 20-25 वर्षों की आयु का काल भी शामिल है। युवाओं को याद दिलाया कि 100 साल पहले के युवा देश के लिए क्या करते थे। पीएम ने कहा कि अभी के युवाओं को भी देश और पूर्वोत्तर को विकास की नई उंचाइयों पर ले जाने के लिए आगे आना चाहिए। पीएम ने देश में बढ़ती आधारभूत संरचनाओं का भरपूर फायदा उठाने का आह्वान युवाओं से किया।
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पीएम मोदी ने यूनिवर्सिटी के इनोवेशन सेंटर की तारीफ करते हुए लोगों से वोकल फोर लोकल के लिए आगे आने को कहा। पीएम मोदी ने यूनिवर्सिटी द्वारा पीने के पानी को साफ करने की तकनीक विकसित करने की भी चर्चा की और उसे देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने की अपील की। पीएम ने यूनिवर्सिटी द्वारा कचड़ा प्रबंधन के तकनीकी की भी तारीफ की। समारोह में 2020 में पास होने वाले 1,218 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए गए। विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 48 टॉपरों को स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर असम के राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे।