लगभग 49 साल बाद जालंधर के दातार नगर में रहने वाली 75 बर्षीय सत्या देवी की खुशियां एक बार फिर लौट आई। दरअसल, सत्या देवी वही महिला है जिसके पति भारतीय सेना के लांस नायक मंगल सिंह सन 1971 ड्यूटी के दौरान ही गायब हो गए थे। 49 सालों से वे अपने पति की वापसी के इंतजार में तिल-तिल कर जिन्दगी व्यतीत कर रही थी। अब सत्या देवी को मिली एक चिट्ठी ने उनकी जिन्दगी में फिर से रंग भर देने का काम किया है। उनको यह चिट्ठी विदेश मंत्रालय के द्वारा भेजी गई है।
भारतीय सेना का यह वीर जवान पाकिस्तान की जेल में है बंद
दरअसल, सन 1962 में सेना में भर्ती हुए लांस नायक मंगल सिंह को सन 1971 में रांची से कोलकाता ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां बांग्लादेश मोर्चे पर उनकी ड्यूटी लगी थी। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना के जवान मंगल सिंह के इसी ड्यूटी के दौरान उनकी पत्नी को सेना की तरफ से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया कि बांग्लादेश में सैनिकों को ले जा रही एक नाव डूब गई और उसमें सवार मंगल सिंह समेत सभी सैनिक मारे गए। हालांकि, इस दुर्घटना के बाद भी मंगल सिंह की लाश बरामद नहीं हो सकी थी।
तब से अभी तक सत्या देवी को अपने पति के वापसी का इंतजार था। सत्यादेवी के डो बेटे हैं उन्होंने अपने बेटों के पालनपोषण में कोई कमी नहीं आने दी लेकिन साथ-साथ अपने पति की वापसी की कोई आस भी नहीं छोड़ी। उन्होंने अपने पति की वापसी के लिए सरकार और सेना को कई पत्र लिखे लेकिन उन्हें किसी भी पत्र का माकूल जवाब नहीं मिला।
यह सब देखते देखते 49 साल बीत गए। लेकिन इतने वर्षों बाद पिछले सप्ताह अचानक उनको उनकी तपस्या का फल मिला। दरअसल, बीते सप्ताह उन्हें राष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय कार्यालय की ओर से एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मंगल सिंह के जिंदा होने की जानकारी दी गई। इस पत्र के माध्यम से सत्या देवी को बताया गया कि भारतीय सेना के लांस नायक मंगल सिंह, पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद हैं। पाकिस्तान सरकार से बात कर उनकी रिहाई की कोशिशों में तेजी लाई जाएगी।
एक न्यूज चैनल के अनुसार, विदेश मंत्रालय की चिट्ठी मिलने के बाद सत्या का कहना है कि अब उन्हें उम्मीद बंधी है कि पाकिस्तान की जेल से उनके पति की रिहाई होगी और हम उनसे मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों का पालन पोषण करने में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। अब मुझे उम्मीद है कि मेरे पति जल्द ही वापस लौटेंगे।
सत्या के साथ ही उनके दो बेटे भी 49 साल से अपने पिता भारतीय सेना के वीर जवान मंगल सिंह की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। मंगल सिंह के बेटे रिटायर्ड फौजी दलजीत सिंह ने कहा कि पिछले 49 सालों के दौरान हमने अपने पिता की रिहाई के लिए काफी कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी। उनका कहना है कि 1971 में मैं सिर्फ 3 साल का था और तभी से अपने पिता को देखने का इंतजार कर रहा हूं।
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आपको बता दें कि सन 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। उस वक्त भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। इस युद्ध की वजह से पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया था और बांग्लादेश का उदय हुआ था। इस युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबर 1971 को हुई और ये लड़ाई 16 दिसंबर 1971 तक चली।