सुरक्षाबलों ने सैकड़ों आम लोगों को उतारा मौत के घाट, प्रत्यक्षदर्शियों ने बयां किया दर्द

सुरक्षाबल जिनकी तैनाती देश की सुरक्षा के लिए होती है, जब वही हाथों में हथियार लेकर देश के आम लोगों की जान लेने पर उतारू हो जाए तो, जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन उठाएगा। एक ऐसा ही वाकया सामने आया है। दरअसल, सुरक्षाबलों और उनके सहयोगियों ने हाथों में चाकू-छूरे लेकर सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इन लोगों की लाश कई दिनों तक पड़ी भी रही।

सुरक्षाबलों ने इस वजह से दिया नरसंहार को अंजाम

मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना इथोपिया देश की है। यहां के मई-क़द्र शहर में बीते 9 नवंबर को सुरक्षाबलों और उनके सहयोगियों ने एक बड़े नरसंहार की घटना को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि इस घटना में सुरक्षाबलों ने हाथों में चाकू और छूरे लेकर सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी। इसके अलावा रस्सी से कुछ लोगों का गला घोट दिया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।

डेली मेल न्यूज पोर्टल में छपी खबर के अनुसार, पीड़ितों का कहना है कि घटना के बाद कई दिन तक शव जमीन पर ही पड़े हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रस्सियों से गला दबाकर भी कई लोगों की हत्या कर दी गई। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पिछले महीने कहा था कि नरसंहार में काफी अधिक लोग मारे गए हैं।

बताया जा रहा है कि इथोपिया में कुछ वक्त से क्षेत्रीय सरकार चला रही पार्टी टिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रॉन्ट (टीपीएलएफ) और प्रधानमंत्री आबी अहमद की सरकार के बीच लड़ाई चल रही है। बता दें कि अबी अहमद को पिछले साल शांति का नोबल पुरस्कार मिला था।

इथोपिया के मानवाधिकार आयोग और एमनेस्टी इंटरनेशनल को गवाहों ने बताया है कि टिग्रेयन सुरक्षाबल और उनके सहयोगियों ने देश के सबसे बड़े एथनिक ग्रुप अमहारा पर हमला किया। हालांकि, टिग्रे क्षेत्र में ये अमहारा अल्पसंख्यक हैं।

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दूसरी ओर, टिग्रेयन रिफ्यूजियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उन लोगों पर ही केंद्रीय सुरक्षाबलों और अमहारा के क्षेत्रीय सैनिकों ने हमला किया। बाद में एमनेस्टी ने भी कहा कि संभव है कि दोनों ही तरफ के आम लोग घटना के दौरान मारे गए हों।