बेनतीजा रही 5वें दौर की बैठक, इस तरह किसानों ने दिया मोदी सरकार को दिया मुंहतोड़ जवाब

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 दिनों से मोर्चा संभालने वाले आंदोलित किसानों और केंद्र सत्तारूढ़ मोदी सरकार के बीच शनिवार को हुई 5वें दौर की बैठक भी कोई हल निकालने में सफल नहीं हो सकी है। दरअसल, दिल्ली के विज्ञान भवन में करीब 5 घंटे तक चली इस बैठक में भी सरकार संशोधन का राग अलापते नजर आई जबकि किसान शुरुआत से ही अपनी मांगों को लेकर अडिग दिखाई दिए। 6वें राउंड की बैठक के लिए 9 दिसंबर का दिन निर्धारित किया गया है। लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार अपना लिखित फैसला भेजे, फिर बैठक में शामिल होने पर फैसला लेंगे।

सरकार की सारी कोशिशें विफल

शनिवार को हुई इस बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने किसानों को मनाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन उनके सारे प्रयास विफल रहे। किसानों ने क़ानून को रद्द किये जाने के आगे सरकार की एक बात भी नहीं सुनी।

बैठक के दौरान सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा अगर कोई और रास्ता है तो वह बताए। इसके साथ ही सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा। हालांकि, किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि कानूनों को रद्द करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं।

किसानों ने सरकार से कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है। सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है। किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं। बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, जिसके लिए सरकार सहमत हो गई।

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इसके अलावा पिछली बार की तरह ही इस बार भी किसानों ने सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए भोजन को खाने से मना कर दिया। विज्ञान भवन में मीटिंग के दौरान किसानों ने लंगर से खाना मंगवाया और नीचे फर्श पर बैठकर खाया। किसानों के लिए लंच भी आया था और चाय भी। लंच में दाल, सब्जी और रोटी रही। किसानों के लिए लंच बंगला साहब गुरुद्वारे से पहुंचा।