लखनऊ। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने सवाल किया की अगर योगी जी पराली की समस्या से निपटने का रास्ता कई साल पहले ही ढूंढ चुके है तो आज किसानों पर मुकदमे क्यों कर रहे हैं ?
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शनिवार को उत्तर प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि हर साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सरकार किसानों की कोई सहायता नहीं करती, मजबूरी में किसानों को पराली जलाना पड़ता है। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों के इस दुःख को समझा और पराली की समस्या से निपटने के लिए एक वैज्ञानिक तरीका खोज निकला| पूसा इंस्टिट्यूट की इस खोज की सराहना पूरे देश में हो रही है लेकिन सूबे की योगी सरकार का दावा है की वह इस डीकम्पोज़ का इस्तेमाल कई सालो से करते आ रहे है|
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उन्होंने आगे कहा की उत्तर प्रदेश सरकार दावा किया है कि दिल्ली सरकार द्वारा जो डीकम्पोज़ का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे योगी सरकार पहले से करते आ रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में पराली को लेकर किसानों पर जो मुकदमें दर्ज किए गए है वो मुकदमे योगी सरकार के इस दावे की पोल खोल रही है। उन्होंने कहा मैं योगी आदित्यनाथ जी पूछना चाहता हूं कि आप यदि अरविंद केजरीवाल की विधि बरसो से अपना रहे है तो फिर बाराबंकी के किसान ने आत्महत्या क्यों की? उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में पराली जलाने को लेकर किसानों पर मुकदमें कर उन्हें जेल में क्यों डाला गया? क्योंकि योगी जी आप किसानों का शोषण कर उन्हें जेल में डालना चाहते है।
शराब से होने वाली आमदनी के चलते मौतों पर खामोश सरकार
उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौत के मामले पर संजय सिंह ने कहा कि योगी जी की पुलिस हमेशा से सबूत मिटाकर अपराध को छुपाने का काम करती आ रही है। इस केस में भी पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया। सरकार व पुलिस की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि इन लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुआ है और बिना पोस्टमार्टम के उनका शव जला दिया गया। हापुड़, प्रयागराज, लखनऊ, बागपत, फरुखाबाद समेत पूरे उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ सबूत मिटाने की कोशिश की जा रही है।
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उन्होंने कहा ज़हरीली शराब का कारोबार उत्तर प्रदेश में चल रहा है और सरकार को इसकी खबर नहीं ऐसा सम्भव नहीं हो सकता। जरूर सरकार को करोड़ों रुपये की आमदनी इन जहरीली शराब से मिलती होगी तभी सरकार अब तक चुप है और मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश में इतनी घटनाएं होने के बावजूद अगर सरकार कुछ नहीं कर पा रही है तो इसका मतलब साफ है कि सरकार इन अपराधियों के साथ मिली हुई है।