सोशल मिडिया पर वायरल होते वीडियो अक्सर सिर्फ मनोरंजन का हिस्सा नहीं होते, बल्कि कई बार यह लोगों के लिए अपराध का साधन भी बन जाते हैं। हाल ही में अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो महिलाओं के प्राइवेट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर पैसे कमा रहा था। इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कोर्ट ने उन्हें 9 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने महाराष्ट्र के लातूर, सांगली और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से 3 आरोपियों को पकड़ा है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड प्रज्जवल है, जो केवल 12वीं पास है, लेकिन उसने 6 महीने में साइबर क्राइम के जरिए 8 लाख रुपए कमा लिए।
गिरोह के सदस्य अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज, स्पाई कैमरे और मोबाइल रिकॉर्डिंग के जरिए वीडियो इकट्ठा करते थे। इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया और टेलीग्राम के प्रीमियम ग्रुप्स पर बेचे जाते थे। पुलिस ने यह भी पाया कि इन वीडियो को 22 अलग-अलग इंस्टाग्राम चैनलों पर भी शेयर किया गया था।
साइबर क्राइम विभाग के अनुसार, आरोपी प्रज्जवल और व्रज दोनों ही 12वीं पास हैं और उन्होंने इस अपराध के जरिए 4 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य रखा था। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि प्रज्जवल ने अपने साथी से कहा था, “काम गंदा है, लेकिन पैसा अंधा है।”
डीसीपी लवीना सिंहा ने बताया कि प्रयागराज के आरोपी चंद्रप्रकाश पिछले 2 महीनों से महाकुंभ मेले के वीडियो अपलोड कर रहा था। पुलिस को टेलीग्राम पर दो ग्रुप मिले हैं – “डिमोज रेगुलर” और “डिमोज प्रीमियम”। प्रीमियम ग्रुप में 100 सब्सक्राइबर्स थे, जहां पूरा वीडियो बेचा जाता था, जबकि रेगुलर ग्रुप में शॉर्ट क्लिप्स शेयर की जाती थीं, जिसमें 500 सब्सक्राइबर्स थे।
इसके अलावा, पुलिस को रोमानिया और अटलांटा के हैकर्स के लिंक भी मिले हैं, जिससे यह भी संदेह जताया जा रहा है कि इस गिरोह का अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम से भी कोई कनेक्शन हो सकता है। फिलहाल, गुजरात पुलिस ने एक और हैकर की पहचान की है और उसे पकड़ने के लिए टीम रवाना कर दी गई है। पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गई है।
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