डीएम ने प्रदान की ट्राफी, स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश
तिलोई व भादर दूसरे व तीसरे स्थान पर, प्रभारियों ने बताया- कैसे सुधारें रैंकिंग
अमेठी : अमेठी की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए एक नए प्रयोग के तहत नवम्बर 2019 से जिले के हर ब्लाक की स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं पर पैनी नजर रखने के साथ ही उनकी स्थिति तय करने के लिए उत्कर्ष स्वास्थ्य व पोषण रैंकिंग शुरू की गयी। इसका मुख्य उद्देश्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करना था ताकि सभी ब्लाक अपने यहाँ स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनायें ताकि वह भी रैंकिंग में अव्वल आ सकें और जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हाथों सम्मानित होने का गौरव पा सकें। इस नए प्रयोग में जगदीशपुर ब्लाक लगातार तीसरे महीने पहले पायदान पर रहा, जिसे जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया गया। तिलोई और भादर ब्लाक क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे। तीन महीने के कार्यों के आधार पर बेहतर प्रदर्शन के लिए भादर ब्लाक को भी ट्राफी प्रदान की गयी।
व्यवस्था सुधारें-ट्राफी पायें : डीएम
जिलाधिकारी अरुण कुमार ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सभी ब्लाक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि आप भी अपने ब्लाक की स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को सुधारें ताकि आपको भी ट्राफी देकर सम्मानित करने का अवसर मिल सके । इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अव्वल रहे ब्लाक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से उनके द्वारा किये गए प्रयासों के बारे में भी सुना और कहा कि अब सभी ब्लाक के प्रभारियों को यह टिप्स भी मिल गया है कि अब वह किस तरह अपने को अव्वल साबित करें। यही स्वस्थ प्रतिस्पर्धा अमेठी की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदेश के अन्य जिलों से बेहतर बनाएगी और अपना जिला स्वास्थ्य व पोषण के मामले में प्रदेश में नाम रोशन करेगा । सीएमओ कार्यालय में लगा डैश बोर्ड : हर ब्लाक की स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं पर नजर रखने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.एम. श्रीवास्तव के कार्यालय में डैश बोर्ड लगा दिया गया है, जो कि प्रदर्शित करता रहता है कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कहाँ-क्या चल रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में जिले की क्या स्थिति है, उसका भी डिस्प्ले होता रहता है। इससे यह स्थिति साफ़ होती रहती है कि कहाँ पर किस तरह की सुधार की गुंजाइश है।
स्वास्थ्य सेवाओं को करेंगे और बेहतर
स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बेहतर काम करने के मामले में लगातार तीसरे महीने अव्वल रहने वाले जगदीशपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ एम॰ के॰ त्रिपाठी का कहना है कि उनका भरसक प्रयास होता है कि दूरदराज से इलाज की उम्मीद से आने वाले हर मरीज को ओपीडी की सुविधा के साथ, जांच और समुचित इलाज मिल सके। रैंकिंग की शुरुआत के साथ ही अब हर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि वह भी अपने केंद्र की व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करेंगे ताकि रैंकिंग में शत-प्रतिशत अंक हासिल हो सके। इस तरह अब सभी एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में अपने यहाँ सेवाओं को बेहतर करने में पूरी तरह से जुट गए हैं।
30 स्वास्थ्य संकेतकों पर परखी जा रहीं सेवाएं
रैंकिंग तैयार करने के लिए प्रजनन, मातृ, नवजात व शिशु स्वास्थ्य के साथ ही संचारी व गैर संचारी रोगों के अलावा पोषण से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को परखा जाएगा। इसके तहत प्रमुख 30 संकेतकों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसमें जो प्रमुख हैं, वह हैं- बाल व मातृ मृत्यु दर की रिपोर्टिंग, प्रसव पूर्व जांच के रजिस्ट्रेशन की रिपोर्टिंग, पूर्ण प्रतिरक्षण, डायरिया-निमोनिया केसों की रिपोर्टिंग, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत लक्ष्य के सापेक्ष पंजीकरण, चिकित्सकों की उपस्थिति, दवा की उपलब्धता, जांच की सुविधा आदि। इसके लिए अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा संस्थागत प्रसव, पहली तिमाही में प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन पर किए गए कार्य, मलेरिया, टीबी, हायपरटेंशन व डायबिटीज़ को लेकर किए गए कार्यों पर भी अंक निर्धारित हैं। इसमें मिले अंकों के आधार पर ब्लाक की रैंकिंग तैयार की गयी है।