पंजाब की रोपड़ जेल में दो वर्ष से बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को राज्य में वापस भेजने पर सुनवाई से पहले यूपी की सत्तारूढ़ योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ जघन्य अपराध के दस केस दर्ज हैं। बांदा जेल अधीक्षक ने बिना एमपी-एमएलए कोर्ट की अनुमति के पंजाब पुलिस को सौंपा है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी किए जा चुके हैं। रोपड़ जेल अधिकारी उसे बीमार बताते रहे।
योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की मांग
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए योगी सरकार ने कहा है कि मोहाली मामले में दो साल से चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है फिर भी मुख्तार अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहा है। मिलीभगत साफ दिख रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट न्याय हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करे।
इस हलफनामे में योगी सरकार ने मुख्तार को वापस उत्तर प्रदेश भेजने की मांग की है। राज्य सरकार ने मोहाली में दर्ज केस भी प्रयागराज ट्रांसफर करने की मांग की है। मुख्तार अंसारी पिछले 2 सालों से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। पंजाब सरकार मुख्तार को उत्तर प्रदेश भेजने का विरोध कर रही है।
पिछली 8 फरवरी को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पंजाब सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी डिप्रेशन में है और वो कहता है कि वो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से है लेकिन हकीकत में वो गैंगस्टर है और उसने पंजाब में केस के लिए जमानत इसलिए नहीं लगाई क्योंकि वो वहां की जेल में खुश है।
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सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों को पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की थी। रोहतगी की इस दलील का तुषार मेहता ने विरोध करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले अलग हैं और वे ज्यादा गंभीर हैं। पंजाब में इन गंभीर मामलों की सुनवाई एक साथ नहीं हो सकती है।