मुगल काल का सबसे क्रूर शासक औरंगजेब पर महाराष्ट्र का कोल्हापुर जल रहा है. जब से सीएम एकनाथ शिंदे ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर रखने की पहल की थी तब से राज्य में विरोध की चिंगारी सुलगने लगी थी. इस बीच औरंगजेब की तारीफ में वायरल वाट्सएप स्टेट्स को लेकर चिंगारी आग में बदल गई और कोल्हापुर में माहौल गरमा गया. दो गुटों के बीच बवाल हो गया और पुलिस भी एक्शन में आ गई है. आइये जानते हैं कि जिस औरंगजेब ने कभी छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने घुटने टेके थे, आज उसी मुगल शासक के नाम पर महाराष्ट्र उबल रहा है.
भाइयों की हत्या करके पाई थी राजगद्दी
मुगल शासक के छठे बादशाह औरंगजेब को भारतीयों ने कभी स्वीकार नहीं किया था. औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को जेल बंद करके सत्ता हासिल किया था. उसने अपने भाई दारा शिकोह और मुराद की हत्या करवा दी थी. उसने राजगद्दी के लिए परिवार के साथ साथ कई राज्यों का भी दमन किया था, लेकिन औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज से हार का सामना पड़ा था. इतिहासकारों का कहना है कि औरंगजेब के शासन में कई मंदिरों को तोड़ा गया था. उसने गैर मुस्लिमों पर जजिया कर लगाकर कई हिंदुओं को धर्म परिवर्तन कराया था. उसका साम्राज्य धोखा, छल और षड्यंत्र पर खड़ा था.
जानें कैसी हुई थी बीजापुर संधि
जब औरंगजेब दक्कन का सूबेदार था तभी से उसका शिवाजी महाराज से सामना हो रहा था. बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह की मृत्यु के बाद औरंगजेब ने साल 1656 में वहां हमला बोल दिया था. इस बीच शिवाजी बीजापुर जीतना चाहते थे, इसलिए उन्होंने औरंगजेब पर ही आक्रमण कर दिया. इसके बाद शाहजहां के कहने पर औरंगजेब ने शिवाजी के साथ बीजापुर संधि कर ली.
शिवाजी के सामने नहीं टिक पाया था औरंगजेब
इसके बाद जब औरंगजेब दिल्ली का बादशाह बना तो उसने एक बार फिर दक्षिण भारत पर कब्जे के इरादे से शाइस्ता खां को भेजा. शिवाजी के साथ युद्ध में शाइस्ता खां की 4 आंगुलियां कट गईं और एक बार फिर औरंगजेब हार गया. इसके बाद उसने साल 1665 में शिवाजी के पास एक और संधि कर लिया. संधि होने के बाद औरंगजेब ने शिवाजी को आगरा किला बुलाया, जहां उचित सम्मान न मिलने की वजह से शिवाजी ने विरोध जताया. इससे नाराज होकर मुगल शासक ने उन्हें कैद करवा लिया था. औरंगजेब शिवाजी की हत्या करवा चाहता था, लेकिन वे चकमा देखकर मिठाई की टोकरी में छिपकर जेल से भाग निकले. इसके बाद शिवाजी ने फिर मुगलों से अपने पुराने राज्यों को जीत लिया और 1674 में उनका राज्याभिषेक हुआ था.
जानें कैसे हुई संभाजी महाराज की हत्या
औरंगजेब ने शिवाजी महाराज के बड़े बेटे संभाजी को कैद करके 40 दिनों तक यातनाएं दी थीं. इस दौरान मुगल शासक ने संभाजी महाराज के सामने मुसलमान बनने की शर्ते रखी थी, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी. इसके बाद औरंगजेब ने संभाजी महाराज की हत्या करवा दी.
अहमदनगर में औरंगजेब की हुई थी मौत
साल 1707 में महाराष्ट्र के अहमदनगर में औरंगजेब की मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी कब्र औरंगाबाद में बनवाई गई थी. इसी औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज करने का एक समुदाय विरोध कर रहा है. इसे लेकर अहमदनगर और कोल्हापुर में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई है.