कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान दवाइयों के अवैध भंडारण के मामले में फंसे बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और उनकी कंपनी गौतम गंभीर फाउंडेशन को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। दरअसल, इस मामले में फरियाद लेकर पहुंचे गौतम गंभीर के खिलाफ दर्ज मुक़दमे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही शीर्षतम अदालत ने बीजेपी सांसद को हाईकोर्ट जाने की सलाह भी दी। इस सलाह के बाद गौतम गंभीर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्जी वापस ले ली है। अब वह दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
गौतम गंभीर को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी राहत
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग दवाओं के अभाव में परेशान थे। उस समय दवाओं को जमा करना गलत था। कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन प्रक्रिया को रोकने से भी इनकार किया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि हमने अखबार में पढ़ा कि किस तरह लोग दवा और ऑक्सीजन के लिए मारे-मारे फिर रहे थे और वहीं कुछ लोग और संगठन उन्हें ये चीजें बांट रहे थे। हम इस तरह के काम की इजाजत नहीं दे सकते हैं।
दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने 3 जून को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि गौतम गंभीर फाउंडेशन को अनधिकृत रूप से फैबीफ्लू दवा की जमाखोरी खरीद और वितरण का दोषी पाया गया है। यह दवा कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रही है।
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उल्लेखनीय है कि 3 जून को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ड्रग कंट्रोलर ने दवाइयों की जमाखोरी के मामले में सांसद गौतम गंभीर को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत आरोपित माना था। ड्रग कंट्रोलर की इस रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में छह हफ्ते के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट इस मामले पर 29 जुलाई को सुनवाई करने वाला है।